14 को परीक्षा, 10 मार्च को रिजल्ट और एक सप्ताह के भीतर पेंशन
पौड़ी। राज्य में विधायकी के 70 पदों पर 14 फरवरी को परीक्षा (मतदान) होगी। 10 मार्च को रिजल्ट भी घोषित हो जाएगा। बमुश्किल एक सप्ताह के भीतर चुनाव की परीक्षा में सफल नेता पारिवारिक पेंशन के हकदार हो जाएंगे।
चुनाव रूपी परीक्षा को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने के लिए राज्य की मशीनरी जुटी हुई है। शिक्षक/कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली की मांग करते हुए ऐसी परीक्षा को संपन्न कराने घरों से निकल पड़े हैं ,जिसमें सफल व्यक्ति तत्काल पारिवारिक पेंशन का हकदार हो जाएगा।
देश में ऐसी व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आसानी से पेंशन पाने वाले नेता शिक्षक/कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग में रोड़े अटका रहे हैं। पेंशन न देने के सरकारों के तर्क में बहुत ज्यादा दम भी नजर नहीं आता।
उल्लेखनीय है कि 2004 के बाद सरकारी सेवा में आने वाले शिक्षक/कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन नहीं मिलेगी। जो एनपीएस नाम से जो व्यवस्था लागू की गई है वो वर्षों तक राज सेवा करने वाले कर्मियों के साथ मजाक साबित हो रही है।
देश भर के सरकारी शिक्षक/कर्मचारियों संबंधित राज्यों की सरकारों से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं। देश में कई राज्यां की सरकारें ऐसे अधिकारियों से एनपीएस की एडवोकेसी करवा रही हैं, जो स्वयं पुरानी पेंशन स्कीम के तहत आते हैं।
उत्तराखंड में कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन देने का ऐलान किया है। कुछ और राजनीतिक दल भी इस प्रकार का वादा कर रहे हैं।