दिशा ध्याणी श्रीरामलीलाः युवा पीढ़ी को जड़ों से जोड़ने का अभिनव प्रयोग
द्वारीखाल ब्लॉक के तिमली,डंगला, नौबाड़ी और कंडवाण वाडयूं
तीर्थ चेतना न्यूज
द्वारीखाल। ब्लॉक के तिमली,डंगला, नौबाड़ी और कंडवाण वाडयूं के ग्रामीणों ने युवा पीढ़ी को जड़ों से जोड़ने के लिए ग्रीष्मकालीन श्रीरामलीला के रूप में अभिभव प्रयोग किया है। इस प्रयोग में विवाहित बेटियों के गांव के प्रति भावनात्मक लगाव को स्थान दिया गया।
ग्राम डंगला,ग्राम सभा तिमली, जनपद पौड़ी गढ़वाल में 29 मई से शुरू हुई दिशा ध्याणी श्रीरामलीला रावण वध और श्री राम के अयोध्या वापसी और राजतिलक के साथ शनिवार को संपन्न हो गई।
लगभग 14 वर्षों पश्चात 2021 में श्रीरामलीला का मंचन शुरू किया गया । जीविकोपार्जन के लिए गॉंव से पलायन कर चुके अधिकांश परिवार तथा विवाहित महिलाओं (दीदी-भुलियों, बुआओं-फूफूओं) द्वारा बार-बार यह अनुरोध किया गया कि, श्रीरामलीला मंचन के पारम्परिक समय माह सितम्बर से नवम्बर के मध्य आयोजित होने के कारण उनके तथा उनके परिवार के सदस्यों द्वारा इसमें पूर्ण भागीदारी नहीं निभाई जा सकती इसलिए श्रीरामला का मंचन ग्रीष्मावकाश में किया जाए।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस सत्र में श्रीरामलीला का मंचन दिशा ध्याणी श्रीरामलीला नाम से ग्रीष्मकाल में किया गया। श्रीरामलाल कमेटी के संयोजक इंद्र मोहन डबराल द्वारा अवगत कराया गया कि, इस कार्यक्रम के लिए सर्वप्रथम पूरी ग्राम सभा के सम्मिलित गॉंव तिमली, डंगला नौबाडी, कण्डवाण-वाड्यू की सभी विवाहित दीदी-भुली, फूफू-बेटियों को विधिवत निमंत्रण-पत्र प्रेषित कर आमंत्रित किया गया। आमंत्रित सभी दीदी-भुली, फूफू-बेटियों के लिए गढ़वाली पारंपरिक विदाई कलेऊ-अर्सा भी गॉव में ही तैयार किए गये।
श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष श्री सरदार सिंह गुसाईं द्वारा अवगत कराया गया कि, इस सत्र की श्रीरामलीला मंचन के लिए कई बार ग्रामीण सदस्यों की बैठकर आयोजित की गई, पलायन कर चुके कई परिवारों द्वारा घर वापसी कर अपने पुश्तैनी मकान की मरम्मत का कार्य भी इसी कारण किया गया। संपूर्ण कार्यक्रम को आयोजित करने में महत्वपूर्ण निभाने वाले श्री अनिल डबराल जी द्वारा अवगत कराया गया कि, इस प्रकार के आयोजन का मुख्य उद्देश्य वीरान हो रहे ग्रामीण क्षेत्रों में फिर से जागृति पैदा कर अपने पुश्तैनी धरोहरो को सुरक्षित रखना है।
आमंत्रित सभी रिश्तेदारों के रहने और खाने की व्यवस्था श्रीरामलीला कमेटी द्वारा ही की गई थी। समिति के सचिव श्री दीपचंद कुकरेती एवं उपसचिव श्री जेपी कुकरेती जी ने जानकारी दी कि, श्रीरामलीला मंचन के कारण पूरा गॉव पुनरू आबाद दिखाई दे रहा है। गांव की कई बेटियॉं जो शादी के बाद दशकों से गॉंव में नहीं आई थी, वर्तमान समय में सबका आपस में मेल-मिलाप संभव हो पाया है। श्रीरामलाल कमेटी के कोषाध्यक्ष सुमन डबराल तथा सांस्कृतिक मंत्री के तौर पर प्रचार प्रसार का कार्य राजेश डबराल द्वारा किया गया।
श्री राम की भूमिका अरुण डबराल, लक्ष्मण की भूमिका हर्ष डबराल, सीता का अभिनय कुमारी आयशा, रावण का चरित्र मुकेश कुकरेती, हनुमान की भूमिका नरेश डबराल द्वारा अदा की गई। रामलीला-मंचन के पूर्व नाट्य कलाकार श्री चंद्रमणि कुकरेती, श्री खुशीराम डबराल एवं श्री राजेश डबराल द्वारा भी महत्वपूर्ण चरित्र अदा किए गए। इसके अलावा कुमारी प्रेरणा द्वारा भरत की भूमिका, नवीन कुकरेती, गिरीश डबराल, कमलेश डबराल,भुवनेश डबराल,आशीष डबराल, मनोज कुकरेती, अमित डबराल, चन्द्रकान्त कुकरेती व नत्थी सिंह , कु० नेहा द्वारा श्रीरामलाल मंचन में महत्वपूर्ण चरित्र तथा कार्यक्रम संम्पन्न करवाने में सुभाष डबराल, सुनील सिंह गुसाईं व विनीत डबराल, महेश कुकरेती, विनोद कुकरेती द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गयी।