ऐसा निदेशालय किस काम काः राम सिंह चौहान

शिक्षकों के छोटे बड़े प्रकरण पहुंच रहे शासन तक
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। शिक्षा और शिक्षकों से जुड़े अधिकांश प्रकरणों के निस्तारण के लिए शासन तक पहंुचने पर राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने चिंता व्यक्त की। कहा कि आखिर ऐसा निदेशालय किस काम का जब सब प्रकरण निस्तारण के लिए शासन के भेजे जा रहे हैं।
शिक्षकों से संबंधित प्रकरणों का विभागीय स्तर पर निस्तारण न होने से खफा राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने अपने फेसबुल वाल पर कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी शिक्षक/शिक्षिकाओं के तमाम प्रकरणों के सकारात्मक निस्तारण में बाधक बने हुए हैं। परिणाम तमाम मामलों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि निदेशालय के कुछ अधिकारी शिक्षक हितों के लिए नहीं बल्कि रिश्तेदारों एवम् कुछ विशिष्ट के लिए मात्र रह गया है । कुछ सकारात्मक शिक्षा अधिकारी शिक्षक शिक्षिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रख रास्ता निकालते हैं तो हमारे कुछ तथाकथित और अहं की क्षतिपूर्ति के लिए कुछ शिक्षा अधिकारी उसमें इतने रोड़े अटका देते हैं।
कहा कि जब शिक्षा अधिकारी शिक्षक शिक्षिकाओं के प्रकरणों को हल नहीं कर सकते तो क्यों न निदेशालय को ही बंद कर दिया जाये क्योंकि सब कुछ तो शासन पर निर्भर है तो ऐसा निदेशालय किस काम का। उन्होंने कहा कि इससे अच्छा तो ये होगा कि स्कूली शिक्षा में सचिव स्तर का निदेशक हो। इससे सरकार का आर्थिक भार भी कम होगा और शिक्षा और शिक्षकों से जुड़े प्रकरण का निस्तारण बेहतर तरीके से हो सकेगा।
उन्होंने राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड का हर सदस्य इस मुहिम को आज से ही शुरू करेगा और अंजाम तक पहुंचा कर ही दम लेगा। उन्होंने कहा कि कुछ शिक्षा अधिकारी जब शिक्षक शिक्षिकाओं की अहित की बात होगी तो बड़ी तत्परता से सक्रिय हो जाते हैं और हित की बात होगी तो प्रस्ताव बनाकर इति श्री कर देते हैं।