भाजपा द्वारा लगाए जा रहे हर भ्रष्टाचार के आरोपों को प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत पूर्व मुख्यमंत्रियों की ओर मोड़ रहे हैं। वो भाजपा प्रॉपर्टी की अदला-बदली की चुनौती देते हैं।
भाजपा के केंद्र और प्रदेश के नेताओं के रडार पर प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत हैं। परिणाम 2017 का चुनावी दंगल भाजपा वर्सेज हरीश रावत की शक्ल ले चुका है। भाजपा के नेता उन पर भ्रष्टाचार की बड़ी-बड़ी तोहमत मढ़ रहे हैं।
उक्त आरोपों की धार को हरीश रावत बड़ी चतुराई से पूर्व मुख्यमंत्रियों की ओर मोड़ देते हैं। वो भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्रियां को प्रॉपर्टी की अदला बदली की चुनौती देते हैं। दावा करते हैं कि भाजपा ऐसा करती है तो उन्हें लाभ होगा। यानि उन्हें यकीन है कि भाजपा के मुख्यमंत्री उनसे अधिक मालामाल हैं।
भाजपा ने अभी तक मुख्यमंत्री हरीश रावत की इस चुनौती पर मुंह नहीं खोला। परिणाम रावत को ये बात असरकारी लग रही है। बार-बार इस बात को दोहराकर भाजपा के आरोपों को कुंद करने का प्रयास कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि भाजपा में चार पूर्व मुख्यमंत्री हैं।
इसमें भगत सिंह कोश्यारी, भुवन चंद्र खंडूड़ी, डा. रमेश पोखरियाल निशंक और विजय बहुगुणा शामिल हैं।