गढ़वाल विवि के बादशाहीथौल परिसर में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर कार्यक्रम

गढ़वाल विवि के बादशाहीथौल परिसर में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर कार्यक्रम
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नई टिहरी। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के बादशाहीथौल परिसर में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भाषा वैज्ञानिकों ने मातृ भाषा की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।

सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय भाषा दिवस के मौके पर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के बादशाहीथौल स्थित एस0आर0टी0 परिसर के हिन्दी विभाग द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. सुरेन्द्र जोशी जी द्वारा मातृभाषा की उपयोगिता एवं उसकी स्थिति के संदर्भ में विस्तृत जानकारी दी गई।

डॉ. जोशी ने बताया कि मातृभाषा के साथ जीवन का अटूट सम्बन्ध सदेव रहता है साथ ही इसे संस्कृति एवं संस्कार का पोषक भी माना है। कार्यक्रम में डॉ. अनूप सेमवाल ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की स्थापना का उदेश्य एवं सम्पूर्ण पृष्ठभूमि से विद्यार्थियों को अवगत कराया गया तथा वर्तमान समय में मातृभाषा की वर्तमान स्थिति एवं संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्धारित स्वदेशी भाषाओं का अंतरराष्ट्रीय दशक (2022 से 2032 तक) की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही बहुभाषी शिक्षा के लिए प्रोद्योगिकी के उपयोग चुनोतियाँ एवं अवसर के संदर्भ में जानकारी दी गई।

डॉ0 अर्पणा सिंह द्वारा मातृभाषा के प्राति बोलचाल बढाने एवं साहित्य का सृजन करने पर अपने विचार रखे गये, डॉ0 सिंह द्वारा हिन्दी भाषा की लगातार बढती प्रसंगिकता पर प्रकाश डाला गया। पुस्तकालयाध्यक्ष हंसराज बिष्ट ने इस अवसर पर कहा है कि आज केन्द्र सरकार द्वारा अधिकांश विभागों में हिन्दी भाषा के माध्यम से कामकाज समपन हो रहा है वहीं हिन्दी भाषा के बढावा के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है और निसंदेह हिन्दी भाषा का वर्तमान में महत्व बढा है।

 डॉ. प्रेम बहादुर और  डॉ. आशा ने भी कार्यक्रम में अपने-अपने विचार रखें। कार्यक्रम के दौरान परिसर के शिक्षक डॉ. सुरेन्द्र जोशी, डॉ. अनूप सेमवाल, डॉ. अर्पणा सिंह, पुस्तकालयाध्यक्ष हंसराज सिंह, डॉ0 प्रेम बहादुर, डॉ0 आशा एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

Tirth Chetna

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