भाषाविद प्रो. मृदुला जुगराण सेवानिवृत्त
तीर्थ चेतना न्यूज
श्रीनगर। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर की हिन्दी तथा आधुनिक भारतीय भाषा विभाग की प्रमुख एवं कला संचार एवं भाषा संकाय की पूर्व डीन प्रो. मृदुला जुगराण 44 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो गई।
गढवाल विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग को खास मुकाम पर स्थापित करने वालों में प्रो. मृदुला जुगराण का नाम पहली पंक्ति में है। उन्होंने एक शिक्षक और प्रशासक के तौर पर शानदार काम किया। कई मौकों पर सिस्टम से टकराने से भी नहीं चूकी।
आंतरिक व्यवस्थाओं पर छात्र हित, क्षेत्र हित को लेकर भी वो मुखर रही। शुक्रवार को 44 साल के सेवा के बाद प्रो. जुगराण सेवानिवृत्त हो गई। एक शिक्षक के तौर पर उनके नाम ढेरों उपलब्धियां हैं। देश भर में विभिन्न क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे उनके छात्र इस का बात का प्रमाण है।
प्रो. जुगराण को हिन्दी के प्रति युवाओं में रूचि जगाने का श्रेय भी जाता है। उनसे बात करने मात्र से बहुत सी बातें सीखने को मिलती हैं। हिन्दी व्याकरण, स्थानीय शब्दों की व्याख्या करने और उनके स्थापित करने में उन्हें महारात हासिल है। उनका ठेठ गढ़वाली में बतियाने का अंदाज खास है।
सेवानिवृत्ति के बाद उत्तराखंड को उनके इस हुनर का लाभ व्यापक स्तर पर मिल सकेगा। प्रो. मृदुला जुगराण छात्र/छात्राओं के बीच कितनी लोकप्रिय थी ये उनके सेवानिवृत्ति पर सोशल मीडिया से देखा जा सकता है। विभाग में आयोजित कार्यक्रम में साथी प्राध्यापकों और छात्र/छात्राओं ने उन्हें सेवानिवृत्त जीवन के लिए शुभकामनाएं दी।