प्रो. मधु थपलियाल को आउटस्टैंडिंग वुमेन साइंटिस्ट अवार्ड
तीर्थ चेतना न्यूज
पानीपत। गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, उत्तरकाशी में जंतु विज्ञान की विभागाध्यक्ष प्रो. मधु थपलियाल को गीता यूनिवर्सिटी में आउटस्टैंडिंग वुमेन साइंटिस्ट अवार्ड से नवाजा गया।
गीता यूनिवर्सिटी पानीपत हरयाणा तथा एसोसिएशन ऑफ़ प्लांट साइंस रिसेर्चेर्स द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के समापन सत्र की बतौर मुख्य अथिति प्रो० मधु थपलियाल ने कहा कि पारम्परिक कृषि के क्षेत्र में विज्ञान एवं तकनीकी का उपयोग कर ज्यादा लाभ लिया जा सकता है।
कहा कि इससे किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मुनाफा मिल सकेगा. उन्होंने बताया की ड्रोन की मदद से खेती के कई काम जहां बहुत आसान हो गए हैं वहीं फसल की स्थिति की रियल टाइम अपडेट मिलने की वजह से अब फसल की उपज बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी. यह कहना गलत नहीं होगा कि खेती इंसानों के लिए सबसे जरूरी चीज है।
भारत जैसे परंपरागत खेती वाले देश में एग्रीकल्चर से संबंधित तकनीक और प्रक्रिया के विकास एवं इनोवेशन की लगातार जरूरत महसूस की जा रही है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, बिग डाटा एनालिटिक्स और अनमैंड एरियल व्हीकल जैसे ड्रोन आदि की मदद से खेती को और बेहतर बनाया जा सकता है।
इस मौके पर उच्च शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण और खेती-किसानी के क्षेत्र में किए गए प्रयासों के लिए प्रो. मधु थपलियाल को आउटस्टैंडिंग वुमेन साइंटिस्ट अवार्ड से नवाजा गया। प राष्ट्रीय सम्मेलन में देश के कई विश्व विद्यालय पंतनगर वि० वि०, चौधरी चरण सिंह वि० वि०, केरल वि० वि०, बांदा वि० वि० समेत दो सौ से अधिक शोध छात्रों तथा शोधार्थी फैकल्टी द्वारा शोध पत्र ऑनलाइन / ऑफलाइन मोड में प्रस्तुत किये गए। पन्त नगर वि० वि० के शोधार्थी सतविंदर द्वारा काबुली चने का बेहतर हाइब्रिड तैयार करने का शोध पत्र प्रस्तुत किया गया जिसके लिए उन्हें यंग साइंटिस्ट अवार्ड भी दिया गया।
राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन प्रो० अजीत कुमार कर्नाटक, कुलपति महाराणा प्रताप एग्रीकल्चर एवं टेक्नोलॉजी वि० वि० द्वारा किया गया. द्वतीय दिवस पर प्रो० विकास सिंह, कुलपति गीता वि० वि० पानीपत ने वि० वि० में कृषि विभाग की प्रगति को शोधार्थियों के सम्मुख रखा तथा उन्होंने प्रो० मधु थपलियाल के द्वारा दिये गये व्याखान को सराहा. इस अवसर पर प्लेंटीका के निदेशक डा० अनूप बडोनी द्वारा आगामी रिसर्चर मीट की रूप रेखा रखी गयी।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के बांदा वि० वि० के के शोध निदेशक डा० एस० सी० मिश्रा, डा० युवराज सिंह, डा० जसकरन सिंह, डा० वर्षा राज समेत शोधार्थी उपस्थित रहे।