जलियांवाला बाग के नए परिसर का आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे उद्घाटन

जलियांवाला बाग के नए परिसर का आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे उद्घाटन
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नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पंजाब के अमृतसर में जलियांवाला बाग स्‍मारक के पुनर्निमित परिसर का वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक आज शाम 6:25 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्‍फ्रेंस‍िंग के जरिए जलियांवाला बाग के नए परिसर को राष्‍ट्र को समर्पित करेंगे। इस खास मौके पर पीएम मोदी जलियांवाला बाग के नए परिसर में बने म्‍यूजियम गैलरी का भी उद्घाटन करेंगे।

बता दें कि इस नरसंहार के 102 साल पूरे होने के उपलक्ष्‍य में इस साल 13 अप्रैल को जलियांवाला बाग स्‍मारक के पुनर्निमित परिसर का उद्घाटन किया जाना था लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस कार्यक्रम को स्‍थगित करना पड़ा था।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया है इस खास मौके पर केंद्रीय संस्‍कृति मंत्री जी किशन रेड्डी, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी, संस्कृति राज्य मंत्री, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री, सभी लोकसभा व राज्यसभा सांसद और जलियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहेंगे।

जलियांवाला बाग स्मारक में क्या होगा खास?
जलियांवाला बाग स्‍मारक के नए परिसर में चार म्‍यूजिक गैलरी बनाई गई है। इन सभी गैलरी में पंजाब में हुई घटनाओं के ऐतिहासिक मूल्‍य को दिखाया गया है। गैलरी को तैयार करते समय ऑडियो और वीडियो तकनीक का इस्‍तेमाल किया गया है। इसमें प्रोजेक्‍शन मैपिंग और 3डी का भी इस्‍तेमाल किया गया है।

13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग में हुई घटना को दिखाने के लिए लाइट एंड साउंट शो का भी इस्‍तेमाल किया गया है। जलियांवाला बाग नरसंहार को याद कर अभी भी लोग कांप जाते हैं। इस दिन ही ब्रिटिश सेना ने प्रदर्शनकारियों की शांतिपूर्ण सभा में गोलीबारी की थी, जिसमें 1000 से अधिक लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे।

शहीदी कुएं की मरम्मत की गई है। पीएमओ के मुताबिक बाग का दिल, ज्वाला स्मारक का जीर्णोद्धार किया गया है। जल निकाय को एक लिली तालाब के रूप में फिर से जीवंत किया गया है और बेहतर नौवहन के लिए मार्गों को चौड़ा किया गया है।

कई नई और आधुनिक सुविधाओं को जोड़ा गया है, जिसमें उपयुक्त संकेतों के साथ आंदोलन के पुनर्परिभाषित पथ, रणनीतिक स्थानों की रोशनी और वृक्षारोपण के साथ पूरे बगीचे में ऑडियो की व्‍यवस्‍था की गई है।

Amit Amoli

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