संस्कृत के संरक्षण और संवर्द्धन को कड़ी मेहनत और निष्ठा जरूरीः खाली
ऋषिकेश। देववाणी संस्कृत के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए जरूरी है कि संस्कृत जगत से जुड़े लोग कड़ी मेहनत और निष्ठा के साथ काम करें।
ये कहना है संस्कृत शिक्षा के निदेशक शिव प्रसाद खाली का। खाली शनिवार को यहां शुरू संस्कृत विद्यालय/महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों के द्विदिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के उदघाटन के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्कृत देववाणी को बचाया जाना अत्यंत आवश्यक है, इसके लिए उत्तराखंड में स्थापित 97 संस्कृत विद्यालय महाविद्यालय में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
कहा कि संस्कृत के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए जरूरी है कि हम कड़ी मेहनत और निष्ठा के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में नूतन पाठ्यक्रम भी बहुत अच्छा बना है। कहा कि संस्कृत विद्यालय में कार्यरत प्रधानाचार्य को और अच्छा वेतन दिये जाने के साथ उनकी समस्याओं का निराकरण किया जा सके। इसके लिए सरकार पूरी तरह कटिबद्ध है ।
संस्कृत शिक्षा निदेशक खाली ने कहा कि जहां संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है, उसके लिए हमें अन्य लोगों को भी जागरूक किए जाने की आवश्यकता है। क्योंकि संस्कृत में ही सभी भाषाएं छिपी है ।आज मनुष्य के प्रातः उठने से लेकर उसके अंतिम समय तक संस्कृत में दिए गए मंत्रों का काफी महत्व है।
कार्यशाला के दौरान वर्तमान समय में विद्यालयों की स्थिति और भूमिका , आदर्श विद्यालयों की संरचना और उनमें संसाधनों की अभिवृद्धि किए जाने के साथ सामुदायिक सहभागिता निभाने पर भी विचार किया गया। इस दौरान विद्यालय भवन का निर्माण किए जाने के अतिरिक्त छात्रों की संख्या में किस प्रकार वृद्धि की जाय इस पर सभी प्रधानचार्यों को अति आवश्यक ध्यान देना होगा,तथा विद्यालयों में पठन पाठन के साथ साथ विद्यालयों में संसाधनों की अभिवृद्धि के उपाय तथा सामुदायिक सहभागिता/सामाजिक सहयोग पर किस प्रकार किया जाय उसपर कार्यशाला में प्रशिक्षण दिया जायेगा।
कार्यशाला में उपनिदेशक पद्माकर मिश्र सहायक निदेशक हरिद्वार डॉ वाजश्रवा आर्य उपसचिव संस्कृत परिषद संजू प्रसाद ध्यानी, मायाराम रतूड़ी डॉ जनार्दन कैरवान,डॉ ओमप्रकाश पूर्वाल विनायक भट्ट,श्री विजय जुगलान,श्री कृष्ण प्रसाद उनियाल ,डॉ नवीन चन्द्र जोशी नवीन भट्ट ,मनोज नोटियाल, सुरेंद्र भट्ट शिवप्रसाद भट्ट खिलाप सिंह विमोली उत्तम राणा ,श्री मनोज कुमार पाण्डेय आदि उपस्थित थे।