निकाय चुनाव में शुरू हुई डर्टी पॉलिटिक्स

व्यक्तिगत हमलों के लिए सोशल मीडिया का हो रहा उपयोग
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश/ मुनिकीरेती। निकाय चुनाव मंे एक बार फिर से डर्टी पॉलिटिक्स शुरू हो गई। व्यक्तिगत हमलों के साथ तमाम ऐसी बातें हो रही हैं, जिनका समाज में कोई स्थान नहीं है।
पिछले कुछ सालों से उत्तराखंड में हर स्तर के चुनाव की शुरूआत विकास के मुददों से होते है और फिर चुनाव के चरम पर डर्टी पॉलिटिक्स की शुरूआत हो जाती है। इन दिनों निकाय चुनाव में भी ऐसा ही कुछ दिख रहा है।
ऋषिकेश नगर निगम और मुनिकीरेती नगर पालिका के चुनाव में कई तरह की डर्टी पॉलिटिक्स होने लगी है। ऋषिकेश नगर निगम में तो एक निर्दलीय प्रत्याशी के धर्म को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। मामला पुलिस तक भी पहुंच गया है।
व्यवसाय से लेकर सामाजिक कार्यों पर भी टीका टिप्पणियां की जा रहा है। मुनिकीरेती नगर पालिका में भी दबी जुबान इस प्रकार का खेल चल रहा है। व्यक्तिगत हमले हो रहे हैं। इन हमलों के लिंक में गजब का साम्य भी दिख रहा है।
बहरहाल जो कुछ देखा और सुना जा रहा है कि उसके लिए समाज में कोई स्थान नहीं है। निर्दलीय प्रत्याशी इसके सबसे अधिक शिकार हो रहे हैं। राष्ट्रीय राजनीतिक दल के अधिकृत प्रत्याशियों को भी इससे दो चार होना पड़ रहा है।
राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशियों के दल के सिस्टम से प्रोटेक्शन मिल रहा है। जबकि निर्दलीय डर्टी पॉलिटिक्स के हमले झेलने को विवश हो रहे है। ऐसा कौन लोग कर रहे हैं ये जनता को अच्छे से पता है। ऑफ द रिकॉर्ड लोग इस प्रकार की हरकतें करने वालों की ओर इशारा भी करने लगे हैं।
सोशल मीडिया के उपयोग में अतिपरांगत लोग/ संगठन इस खेल में खासे आगे दिख रहे हैं। अच्छा चुनाव और विकास के मुददों को केंद्र में रखकर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों पर निजी हमले होने लगे हैं। इसके लिए सोशल मीडिया का खूब प्रयोग किया जा रहा है।
विकास के मुददों को चुनाव से डिरेल करने के हो रहे प्रयासों के पीछे क्या मकसद हो सकता है इसको लेकर जितने मुंह उतनी बातें हो रही हैं।