लूशुन टोडरिया बने मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति के संयोजक

लूशुन टोडरिया बने मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति के संयोजक
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तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। लूशुन टोडरिया मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति के नए संयोजक होंगे। मोहित डिमरी संस्थापक संयोजक के रूप में काम करेंगे।
उत्तराखंड में भूमि संरक्षण और मूल निवासियों के अधिकार के लिए समर्पित मूल निवास भू कानून समन्वय सँघर्ष समिति की प्रदेश स्तरीय बैठक देहरादून में संपन्न हुई। जिसमें संगठन के कार्यों की समीक्षा और भावी रणनीति पर चर्चा हुई।

बैठक में लूशुन टोडरिया को सर्वसम्मति से समिति का नया संयोजक चुना गया। विगत दो वर्षों से समिति का नेतृत्व कर रहे मोहित डिमरी ने उन्हें अपनी जिम्मेदारी सौंपते हुए कहा कि नेतृत्व परिवर्तन संगठन को और ऊर्जावान बनाता है। अब युवा नेतृत्व इस आंदोलन को और तेज करेगा। वह संघर्ष समिति में सक्रिय रूप से कार्य करते रहेंगे। मूल निवास और भू-क़ानून की लड़ाई को और मजबूती से लड़ा जाएगा।

नवनियुक्त संयोजक लुशुन टोडरिया ने कहा कि मोहित डिमरी की अगुवाई में उत्तराखण्ड की अस्मिता बचाने के लिए देहरादून में ऐतिहासिक महारैली हुई थी। इसके बाद हल्द्वानी, गैरसैंण, कोटद्वार, टिहरी, श्रीनगर, ऋषिकेश, भिकियासैंण सहित अन्य हिस्सों में जनचेतना के लिए महारैली हुई। आंदोलन के बाद लोग अपने अधिकारों के लिए जागरूक हुए और कई गांवों में लोगों ने भू-माफिया को जमीन नहीं बेची।

लुशुन ने कहा कि अस्मिता और अपनी पहचान बचाने के लिए संघर्ष निरंतर चलता रहेगा। संघर्ष समिति ने उन्हें संयोजक की जिम्मेदारी दी है, वह पूरे समर्पण और ईमानदारी से अपना दायित्व निभायेंगे। उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति की विचारधारा को जन-जन तक पहुँचाना उनका मुख्य उद्देश्य है।
नव-नियुक्त संयोजक लुशुन टोडरिया ने कहा यह जिम्मेदारी मेरे लिए गर्व की बात है। मैं सभी पूर्व पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का आभारी हूँ। जब तक उत्तराखंड में मूल निवास और सख्त भू कानून लागू नहीं होता, हमारी लड़ाई जारी रहेगी।

संघर्ष समिति के प्रवक्ता हिमांशु रावत ने कहा कि एक अच्छा लीडर वही होता है जो फॉलोवर नहीं लीडर तैयार करता है। मोहित डिमरी ने संघर्ष समिति के माध्यम से कई लीडर तैयार किए। जो अब इस संघर्ष को आगे बढ़ा रहे हैं।

इसके अलावा कार्यकारिणी में मनोज कोठियाल को केंद्रीय सचिव, सुनील नैनवाल को विधिक सलाहकार, कुसुम जोशी को प्रदेश महिला संयोजक, शशि रावतको सह संयोजक, शिशुपाल पोखरियाल को पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ सह संयोजक, अशुतोष कोठारी को गढ़वाल मंडल युवा प्रकोष्ठ संयोजक, आयुष रावत को कुमाऊँ युवा प्रकोष्ठ संयोजक, उषा डोभाल को महिला प्रकोष्ठ गढ़वाल सह संयोजक, अतुल गुसाईं को हरिद्वार को संयोजक और चन्द्रमणि सुयाल को सह संयोजक, दिनेश थपलियाल को हरिद्वार समन्यवक।

बैठक में संगठनात्मक गतिविधियों को गति देने के लिए स्थायी कार्यालय खोले जाने, समिति की डिजिटल और सोशल मीडिया को मजबूत करने, जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर कार्यकारिणी विस्तार का निर्णय लिया गया। इसके अलावा महिला, युवा और वरिष्ठ जनों की इकाइयाँ गठित की जाएँगी, प्रदेशभर में स्वाभिमान महारैली आयोजित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।

बैठक में प्रमोद काला, विपिन नेगी, अनिल डोभाल, हिमांशु रावत, सुरेंद्र नेगी, देवेंद्र दत्त बेलवाल, गौतम राणा, आशीष नौटियाल, रमेश दत्त रतूड़ी, सुनील दत्त, राकेश रावत, त्रिभुवन भट्ट, विनोद पोखरियाल, केशवानंद रतूड़ी, विकास चन्द्र रयाल, सुरेंद्र नेगी, बॉबी रांगड़, तरुण व्यास, मनवीर भण्डारी, मोहन नेगी, कंवर बिष्ट, मनिंदर बिष्ट, प्रमोद नौटियाल, अजीत सिंह नेगी, ऋषिराम पैन्यूली आदि मौजूद रहे।

Tirth Chetna

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