निकाय चुनावः गलियों की राजनीति में उलझे माननीय विधायक

निकाय चुनावः गलियों की राजनीति में उलझे माननीय विधायक
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तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। राज्य के अधिकांश माननीय विधायक गलियों की राजनीति में उलझते जा रहे हैं। 2027 में लाभ की आकांक्षा मन में लिए ऐसा किया जा रहा है।

राज्य के अधिकांश माननीय विधायक निकाय चुनाव के बहाने 2027 के विधासभा चुनाव की तैयारियां कर रहे हैं। इसके लिए माननीयों ने पहले अपने खास लोगों को मेयर/ अध्यक्ष, पार्षद/ सभासद के टिकट के लिए जोर लगाया और अब चुनाव जीताने के लिए माननीय गलियों में घूम रहे हैं।

इस तरह से माननीय पूरी तरह से गलियों की राजनीतिक में उलझने लगे हैं। ये उलझन इस कदर बढ़ रही है कि माननीयों के साथ ही पार्टी संगठन के लिए भी मुश्किलें पैदा होने लगी हैं। एक के पक्ष में माननीय विधायक और संगठन के उतरने से गलियों में सबक सीखाने के स्वर तीखे होने लगे हैं।

राजधानी देहरादून से लेकर सुदूर क्षेत्रों में स्थित नगर निकायों में ऐसा सुना और देखा जा सकता है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मंे राजनीतिक दल जो जीता वो हमारा की स्ट्रेटजी अपनाते हैं। इससे माननीय विधायक राजनीति में इस कदर इन्वाल्व नहीं होते। ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव किस आधार पर होता है ये किसी से छिपा नहीं है।

बहरहाल, नारों की राजनीति और किसी और के नाम से चुनाव जीते विधायकों का पाला पहली बार ठेठ राजनीति से पड़ रहा है। गलियों के वोट पलटा देने का विधायकों का दम अब उन्हें भारी पड़ने लगा है।

कुल मिलाकार निकाय चुनाव के बहाने 2027 के विधानसभा चुनाव की रिहर्सल कर रहे माननीय विधायकों पर ये तैयारी बैक फायर कर रही है। किसी एक के पक्ष मंे उतरकर विधायक चार-पांच को नाराज कर रहे हैं। इससे निकाय चुनाव में तो नुकसान हो ही रहा है असली नुकसान विधानसभा के चुनाव में होगा।

इस नुकसान को माननीय विधायक अकेले नहीं संगठन के साथ भुगतेंगे। राजनीति इतनी भी नहीं होनी चाहिए कि गली/ मोहल्लों में भी हावी हो जाए।

Tirth Chetna

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