कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल हिंसा के प्रतीक

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल हिंसा के प्रतीक
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सरे बाजार आरएसएस कार्यकर्ता के साथ कर चुके हैं मारपीट

तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। कैबिनेट मंत्री एवं भाजपा नेता प्रेमचंद अग्रवाल स्वयं हिंसा के प्रतीक हैं। सरे बाजार आरएसएस के कार्यकर्ता के साथ मारपीट करना इस बात का प्रमाण है।

ये कहना है कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी का। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भाषण पर भाजपा की प्रतिक्रिया को उन्होंने झूठ का पुलिंदा बताया। कहा कि भाजपा काम सिर्फ और सिर्फ झूठ बोलना, बयानों को तोड़ना मरोड़ना और कांग्रेस को बदनाम करना हो गया है।दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को तो राहुल गांधी और उनके बयान पर बोलने का कतई अधिकार नहीं है।

कांग्रेस की दिग्गज नेत्री दसौनी ने उत्तराखंड भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि राहुल गांधी को घेरने के लिए गलत व्यक्ति का चुनाव कर दिया है। कहा प्रेमचंद अग्रवाल तो स्वयं हिन्दू होते हुए हिंसा का प्रतीक हैं। प्रेमचंद अग्रवाल के द्वारा राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने के लिए जो प्रेस वार्ता में कहा गया वह कोरा झूठ है। दसौनी ने कहा कि हिंसा का प्रतीक तो स्वयं प्रेमचंद अग्रवाल है जिन्होंने सरेआम और सरेराह सभी के सामने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अपने एक कार्यकर्ता को अपने गनर और ड्राइवर के साथ मिलकर बुरी तरीके से पीटा था।

दसौनी ने कहा की भाजपा इस बात से स्तब्ध और हताश है कि संसद में किसी ने उसे आईना दिखाया है। उसके मर्म पर चोट की है। जैसा राहुल जी ने स्वयं कहा, ‘तीर सीधा दिल पर लगा है । कहा की भाजपा और उसके नेता अब तक लोगों को गुमराह करने की कोशिश में हिंदू धर्म पर अपने पूर्ण एकाधिकार व एकमात्र स्वामित्व का दावा करते आए हैं। वे दुनिया के सबसे पुराने और सबसे सहिष्णु हिंदू धर्म का दुरुपयोग कर रहे हैं और उसे इस रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं, जैसा वह है ही नहीं।

दसौनी ने कहा की बकौल राहुल गांधी हिंदू धर्म तो ऐसा धर्म है जिसने कभी आक्रामकता नहीं दिखाई है। हिंदू धर्म नफ़रत और हिंसा नहीं सिखाता, जबकि भाजपा हिंदू धर्म के नाम पर नफ़रत और हिंसा फैलाती है।हिंदू धर्म के नाम पर हिंसा और नफ़रत को बढ़ावा देकर भाजपा इस महान धर्म को बदनाम कर रही है। राहुल जी ने इन्हीं सब बातों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई।

गरिमा ने कहा की भाजपा को सबसे ज़्यादा झटका तब लगा जब राहुल गांधी ने लोक सभा में भगवान शिव की तस्वीर दिखाई। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के सदस्यों के पैरों तले ज़मीन खिसक गई। भाजपा और उसके नेताओं ने यह मान लिया था कि हिंदू धर्म पर उनका ही एकाधिकार है। अब उन्हें ख़तरा महसूस हो रहा है क्योंकि राहुल गांधी ने उनके झूठ और दोहरे चरित्र को पूरी तरह से बेनक़ाब कर दिया है।

भाजपा नेता हमेशा राहुल पर ऐसी बातों का आरोप लगाते रहे हैं, जो उन्होंने कभी कही ही नहीं। उनकी छवि बिगाड़ने के लिए पिछले कई सालों से उनके बयानों को तोड़-मरोड़ कर, काट-छांट कर पेश किया जाता रहा है। कांग्रेस भाजपा के प्रति जवाबदेह नहीं है और न ही उसे भाजपा से किसी प्रमाणपत्र की ज़रूरत है, लेकिन सच्चाई सामने रखने के लिए यह बताना ज़रूरी है कि राहुल जी ने कल संसद में जो कहा, वह यह था कि भाजपा और आरएसएस वाले खुद के हिंदू होने का दावा करते हैं और फिर भी नफ़रत और हिंसा फैलाते हैं।

कांग्रेस पार्टी राहुल द्वारा कही गई इस बात का समर्थन करती है कि भाजपा और आरएसएस के लोग हिंदू होने का दावा तो करते हैं लेकिन नफ़रत और हिंसा फैलाते हैं, जो हिंदू धर्म और अन्य धर्मों के भी मूल सिद्धांतों के ख़िलाफ़ है। हिंदू धर्म वास्तव में शांति का धर्म है। यह अहिंसा, प्रेम, सहिष्णुता और भाईचारे की सीख देता है।

अगर भाजपा और उसके इकोसिस्टम के लोग सोचते हैं कि वे राहुल के भाषण को तोड़-मरोड़ कर पेश कर सकते हैं और इसे लेकर झूठ फैला सकते हैं तो वे बहुत बड़ी गलतफ़हमी में हैं, उतनी ही गलतफ़हमी में जितनी वे ‘400 पार’ के अपने दावों के बारे में थे।

उन्हें एहसास होना चाहिए कि हिंदुस्तान बदल गया है। जितनी जल्दी वे इसे समझ लेंगे, उतना ही उनके लिए बेहतर होगा।
जागरूक जनता भाजपा के व्हाट्सऐप मैसेज पर यक़ीन करने की बजाय राहुल जी का ओरिजिनल भाषण देखेगी जहां पर उसे साफ़ नज़र आएगा कि उन्होंने पूरे हिंदू समाज द्वारा हिंसा-नफ़रत फैलाने की बात नहीं की है, बल्कि बीजेपी सांसदों की ओर इशारा करते हुए उन्हें ही ऐसा कहा है।

Tirth Chetna

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