अब संगठन में अपनों के लिए जोर लगा रहे भाजपा के विधायक

तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। निकाय चुनाव में अपनी पसंद/खास समर्थकों को टिकट दिलाने वाले विधायक अब मंडल अध्यक्ष पद पर अपनी पसंद और खास समर्थकों के लिए जोर लगा रहे हैं।
इन दिनों उत्तराखंड भाजपा के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया गतिमान है। भाजपा एक झटके में मंडल अध्यक्ष पद की दौड़ से 45 से उपर आयु वाले नेताओं को दौड़ से बाहर कर दिया है। 35 से 45 आयु वर्ग वाले ही मंडल अध्यक्ष बन सकेंगे। इस आयु वर्ग में कौन मंडल अध्यक्ष बनेगा इसके लिए पार्टी स्तर पर प्रक्रिया चल रही है।
निकाय चुनाव में अपने खास समर्थकों के लिए मेयर, पालिकाध्यक्ष, पंचायत अध्यक्ष, पार्षद/सभासद का टिकट के लिए तमाम तर्क गढ़ने वाले पार्टी विधायकों ने अब मंडल अध्यक्ष पद पर अपने खास को बिठाने के लिए जोर लगाना शुरू कर दिया है।
निकाय चुनाव मेयर/पालिकाध्यक्ष का टिकट पाने से वंचित रहे नेता विधायकों के अपने खास के लिए हो रहे प्रयासों से हतप्रभ हैं।
जिन विधायकों के निकाय क्षेत्र में पार्टी की निकाय चुनाव में बुरी हार हुई वहां भी जोर अजमाइश हो रही है। हाल ही में भाजपा में शामिल हुए नेताओं की एडवोकेसी की बात चर्चा में है। भाजपा के देवतुल्य कार्यकर्ता संगठन के चुनाव में हो रहे इन प्रयासों को देखकर सिर्फ टपरा रहे हैं।
हालांकि पार्टी का चिपचरिचित अदांज ये है कि निष्ठावान और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को ही संगठन में दिए जाएंगे। बावजूद इसके कुछ विधायक हैं कि अपने खास कार्यकर्ताओं के लिए जोर लगा रहे हैं।