निकाय चुनावः भाजपा में आए\ गए नेताओं में बेचैनी

निकाय चुनावः भाजपा में आए\ गए नेताओं में  बेचैनी
Spread the love

तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा की कुनबा बढ़ावा अभियान में शामिल हुए नेताओं की बेचैनी इन दिनों बढ़ी हुई है। दरअसल, भाजपा अब मूल गोत्रियों उपेक्षा करने के मूड़ में नहीं है।

पूरे देश की तरह उत्तराखंड में भी बड़ी संख्या में विभिन्न दलों के नेताओं ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा का दामन थामा। भाजपा को इसका लाभ भी हुआ। मगर, उक्त नेताओं को इसका लाभ होगा या नहीं कहा नहीं जा सकता है।

बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा मूल के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से भाजपा सबक ले चुकी है। केदारनाथ उपुचनाव में भाजपा ने इस भूल को सुधार लिया। इसका लाभ भी पार्टी को मिला।

अब निकाय चुनाव में भाजपा एक बार फिर से भाजपा मूल गोत्र के कार्यकर्ताओं को ही प्रमोट करने के मूड़ में है। कम से कम 11 नगर निगम के मेयर, 45 नगर पालिका के अध्यक्ष और 46 नगर पंचायतों के अध्यक्ष पद पर भाजपा अपने मूल कार्यकर्ताओं को ही चुनाव मैदान में उतारेगी।

भाजपा के अंदर से आ रही इन खबरों ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा की कुनबा बढ़ावा अभियान में शामिल हुए नेताओं की बेचैनी बढ़ा दी है। कुछ खोकर कुछ पाने की हसरत लिए भाजपा के ऐसे तमाम नेता इन दिनों परेशान हैं।

ऐसे नेता भाजपा के उन नेताओं से संपर्क साध रहे हैं, जिनके कहने से या जिनकी बातों में आकर उन्होंने भाजपा ज्वाइन की थी।
बड़े नेताओं के साथ भाजपा ज्वाइन करने वाले कार्यकर्ता तो क्या करें और क्या न करें की स्थिति में हैं। लंबे समय से तैयारी कर रहे कुछ नेता तो असमंजस में हैं। ऐसे नेताओं में करीब 50 प्रतिशत नेता निकाय चुनाव में जरूर बगावत कर चुनाव मैदान में उतरेंगे। जीते-हारे कोई भी निकाय चुनाव का मुकाबला कड़ा होगा।

Tirth Chetna

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *