बदरीनाथ उपचुनावः भाजपा का जोर और पिछले चुनाव का शोर
तीर्थ चेतना न्यूज
गोपेश्वर। बदरीनाथ विधानसभा उपचुनाव में जीत के लिए भाजपा द्वारा लगाए जा रहे जोर पर 2022 के विधानसभा चुनाव का शोर भारी पड़ रहा है। कांग्रेस और भाजपा की तरह से तब हुआ शोर रह रहकर लोगांें को याद आ रहा है।
राज्य की दो विधानसभा सीटों पर 10 जुलाई को उपचुनाव होना हैं। उपचुनाव में फतह हासिल करने के लिए भाजपा ने पूरा जोर लगा दिया है। जीतने पर भाजपा का विधानसभा के अंकगणित में दो अंकों की सीधी उछाल आएगी। इस उछाल को भाजपा कई तरह से भी प्रस्तुत कर सकेगी।
मंगलौर को लेकर भाजपा बड़े-बड़े दावे भी कर रही है। दावे बदरीनाथ उपचुनाव को लेकर भी हैं। यहां भाजपा ने कांग्रेसी की विधायकी छोड़कर आए राजंेंद्र भंडारी का चुनाव मैदान में उतारा है। 2022 में भंडारी ने कांग्रेस के टिकट पर भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष/ सांसद महेंद्र भंटट को हराया था।
अब भटट और उनकी टीम राजंेद्र भंडारी को विजय श्री दिलाने के लिए जोर लगाए हुए है। भाजपा के तमाम दिग्गज नेता राजेंद्र भंडारी को भाजपा का विधायक बनाने के लिए रात दिन एक किए हुए हैं।
भाजपा के इस जोर पर 2022 के विधानसभा चुनाव का शोर भारी पड़ रहा है। तब भाजपा ने राजेंद्र भंडारी के भ्रष्टाचार से लेकर परिवारवाद को लेकर खूब हो हल्ला किया था। घर-घर बात पहुंचाई थी। जिन लोगों ने तब भाजपा की बातों में आकर भंडारी को वोट नहीं दिया था उन्हें भाजपा ने मौका दिला दिया है।
हालांकि लोग तमाम प्रकार के सवाल उठा रहे हैं। पूछ रहे हैं कि आखिर विश्व की सबसे बड़ी पार्टी की ऐसी क्या मजबूरी थी कि जिस भंडारी को लेकर तमाम आरोप लगाए जा रहे थे अब उन्हें के लिए वोट मांगे जा रहे हैं।
कांग्रेस समेत अन्य प्रत्याशी इस मामले को जनता के सम्मुख मजबूती से रख रहे हैं। लोगों के सामने भंडारी के कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने की इनसाइड स्टोर बता रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बदरीनाथ विधानसभा के कई क्षेत्रों में छोटी बड़ी संभाओं में एक-एक बाती रखी कि कैसे और क्यों भंडारी लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल हुए।