सनातन धर्म की मजबूती में महर्षि बाल्मीकि की खास भूमिका:अनिता ममगाईं

तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। सनातन धर्म की मजबूती में महर्षि बाल्मीकि की खास भूमिका रही है। हिंदू धर्म के सबसे अहम महाकाव्यों में से एक रामायण की रचना कर उन्होंने इस काम का अंजाम दिया।
ये कहना है नि. मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं का। नि. मेयर श्रीमती ममगाईं त्रिवेणी घाट पर बने महर्षि बाल्मीकि मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थी। उन्होंने प्रतिमा पर पुष्पांजली अर्पित करते हुए कहा कि महर्षि बाल्मीकि को उनकी विद्वता और तप के कारण महर्षि की पदवी प्राप्त हुई थी।
उन्होंने हिंदू धर्म के सबसे अहम महाकाव्यों में से एक रामायण की रचना की थी। साथ ही उन्हें संस्कृत का आदि कवि अर्थात संस्कृत भाषा के प्रथम कवि के रूप में भी जाना जाता है। उनके जीवन से हम बहुत कुछ सीख मिलती है। इस अवसर पर सभी को बधाई देते हुए उन्होंने कहा आज का दिन महान दिन है।
बाल्मीकि जी अगर रामायण नहीं लिखते तो आज हम श्री राम के बारे कैसे जानते ? सनातन धर्म को मजबूती प्रदान करने में महर्षि बाल्मीकि का अहम योगदान रहा है। इस अवसर पर उन्होंने आयोजकों को भी धन्यवाद कहा इस तरह के महापुरुषों, महिर्षियों के कायक्रम आयोजित होते रहने चाहिए। इससे समाज मजबूत होता है।
समाज में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कार्यक्रम में इस अवसर पर अक्षय खेरवाल, नरेश खेरवाल, मुकेश खेरवल, महेन्द्र, राकेश खेरवाल , जितेंद्र, अजय बागड़ी, सन्नी , सीमा, पुष्पा, अंजली, रेखा, भारती, विजया, सुमन, प्रिया आदि लोग मौजूद रहे।