स्वामी चिदानद सरस्वती के अवतरण दिवस पर सेवा महोत्सव

स्वामी चिदानद सरस्वती के अवतरण दिवस पर सेवा महोत्सव
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पांच आध्यात्मिक नगरों में की जाएगी रूद्राक्ष वन की स्थापना

तीर्थ चेतना न्यूज

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती के 70 वें अवतरण दिवस को सेवा महोत्सव के रूप में मनाया गया। इस मौके पर सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने का संकल्प लिए गए। इसमें के पांच आध्यात्मिक नगरों में रूद्राक्ष वन की स्थापना भी शामिल है।

शुक्रवार को मीडिया से उक्त संकल्पों के बारे में स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती ने विस्तार से बातचीत की। कहा कि सेवा सप्ताह महोत्सव के दौरान वैश्विक परमार्थ परिवार ने 70 हजार पौधों के रोपण का संकल्प लिया। इसके अलावा भारत के विभिन्न शहरों में 70-70 वृक्षों की एक हजार वाटिकाओं का निर्माण किया जाएगा।

हरिद्धार, रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, अयोध्या में होगा भारी मात्रा में रूद्राक्ष के पौधों का रोपण पांच आध्यात्मिक नगरों में होगी रूद्राक्ष वन की स्थापना की जाएगी। कहा कि 21 जून को भारत सहित पूरा विश्व आठवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है, जो कि ’मानवता के लिए योग’ विषय के साथ मनाया जाएगा।

देवभूमि उत्तराखंड का आफिशियल अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस, 2022 का समारोह ’’परमार्थ निकेतन ऋषिकेश’’ में मनाया जायेगा। जिसमें सभी पत्रकार बंधु, योग प्रेमी और योग जिज्ञासु सपरिवार आमंत्रित हैं। आज परमार्थ निकेतन गंगा तट पर नदियों को प्रदूषण मुक्त करने तथा अविरल व निर्मल बनाये रखने हेतु जनजागरूकता के लिये बंगाल से आये कलाकारों ने ’’रिवर डांस’’ के माध्यम से संदेश दिया कि नदियाँ कल-कल छल-छल करती नृत्य करती रहे।

स्वामी जी ने सभी को नदियों को प्रदूषण और प्लास्टिक मुक्त रखने का संकल्प कराया। सेवा सप्ताह महोत्सव के माध्यम से राष्ट्र, पर्यावरण, नदियों और भारतीय संस्कृति को समर्पित अनेक गतिविधियों का आयोजन के साथ दिव्य कृतियों का भी विमोचन हुआ। प्रथम दिवस सनातन और आध्यात्मिक संस्कृति को समर्पित किया गया, जिसमें पूज्य संतों का दिव्य संदेश और आशीर्वाद प्राप्त हुआ। संस्कृति और विरासत के संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, योग और स्वास्थ्य, राउंड टेबल कांफ्रेंस के माध्यम से धार्मिक परिपेक्ष्य में बाल विवाह, लैंगिक समानता और माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर विशेष चर्चा, निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर, गांधीवादी सिद्धांतों को समर्पित रहा।

गंगा दशहरा के दिन साध्वी भगवती जी की सन्यास दीक्षा की 25 वीं वर्षगांठ के साथ इस दिव्य सेवा सप्ताह महोत्सव की पूर्णाहुति हुई।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने सभी का आह्वान करते हुये कहा कि परमार्थ गंगा तट पर 16 मई से चल रही मासिक मानस कथा की पूर्णाहुति 14 जून को होगी, जिसमें सभी सादर आमंत्रित है। यह कथा मानस कथाकार संत मुरलीधर जी के श्रीमुख से हो रही है, हजारों की संख्या में आये श्रद्धालु गंगा स्नान, पूजन, भजन, सत्संग और दिव्य मानस कथा का लाभ ले रहे हैं।

कहा कि पत्रकार समाज और राष्ट्र के पैरोकार और पहरेदार है इसलिये अपने लेखों, तथ्यों और आंकड़ों में प्रामाणिकता और प्रासंगिकता रखे। दूसरी बात, आज पूरे विश्व को ’पीस पत्रकारिता’ की जरूरत है, जो आवाज़, तथ्य और लेखनी हमें पीसेज़ में विभक्त करें उससे हम दूर रहें। पत्रकारिता में नैतिक सिद्धान्तों, बौद्धिक संपदा, ज्ञान, कौशल, एथ्क्सि और विशिष्ट मानकों का होना नितांत आवश्यक है। सभी को जल स्रोतों, नदियों और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प कराया।

Tirth Chetna

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