नरेंद्रनगर तक पहुंचा ऋषिकेश, अब तो जिला बना दो भगवन

तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। जी 20 के बहाने ऋषिकेश नरेंद्रनगर तक पहुंच गया। ऐसे में अब ऋषिकेश को जिला बना ही देना चाहिए। हालांकि आम जन की इस मांग को अभी तक विधायकों और सांसदों का कभी साथ नहीं मिला।
जी हां, भारत का अंतिम गांव माणा प्रथम गांव हो गया। इसका स्वागत हो रहा है। ऐसे में देहरादून जिले का ऋषिकेश टिहरी जिले के नरेंद्रनगर तक पहुंच जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। जी 20 का कोई भी आयोजन हाल-फिलहाल देहरादून जिले के ऋषिकेश में प्रस्तावित नहीं है।
इन दिनों जी 20 के कार्यक्रम में टिहरी जिले के नरेंद्रनगर में चल रहे हैं। इससे जुड़े प्रचार साहित्य में कहीं भी नरेंद्रनगर का नाम नहीं है। इसे ऋषिकेश के नाम से प्रचारित किया गया है। कार्यक्रम में धमक भी ऋषिकेश के चेहरों की ही अधिक दिख रही है।
नरेंद्रनगर के मुनिकीरेती में लगे बोर्ड पर भी ऐसा ही कुछ दिखा। यहां मुनिकीरेती का नाम गायब कर दिया गया। इस पर आम लोगों ने सोशल मीडिया में खासी आपत्ति व्यक्त की।
पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी के मजबूत विरोध के बाद मुनिकीरेती का नाम लिखा गया। आपत्ति नगर पालिका नरेंद्रनगर के अध्यक्ष राजेंद्र विक्रम पंवार ने भी व्यक्त की थी। मामले को केंद्र का बताकर इस पर गौर नहीं किया गया।
आगे से कोई ऐसी चूक ही न हो इसके लिए सरकार को चाहिए कि ऋषिकेश को जिला बना दे। तीन-तीन जिलों के इस सीमावर्ती क्षेत्र का जिला बनने का दावा मजबूत भी है। आम जन इसकी मांग करते भी रहे हैं। यूपी के समय इसके लिए शासन स्तर पर काफी होमवर्क भी हो चुका है।
नरेंद्रनगर को ऋषिकेश के नाम से प्रचारित होने को आंखों से देखने वाले विधायकों/सांसदों को कम से कम अब तो ऋषिकेश को जिला बनाने की बात करनी चाहिए। हालांकि 2011 में घोषित हुए चार जिले भी अभी फाइल में ही हैं और सवाल करने वालों की संख्या लगातार कम हो रही है।