मेरा अटेंशन सिर्फ श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की बेहतरी परः कुलपति

मेरा अटेंशन सिर्फ श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की बेहतरी परः कुलपति
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देहरादून। मेरा अटेंशन सिर्फ श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की बेहतरी पर है। इस काम में पूरे मनोयोग से लगा हूं। विश्वविद्यालय के लिए जो प्राथमिकता तय की गई हैं उस पर आगे बढ़ रहे हैं।

ये कहना है श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीपी ध्यानी का। कुलपति प्रो. ध्यानी की इस पद की आर्हता को लेकर इन दिनों मीडिया ट्रायल हो रहा है। इस पर हिन्दी न्यूज पोर्टल www.tirthchetna.com ने उनसे विस्तार से बाचीत की।

बातचीत में कुलपति डा. ध्यानी दो टूक अंदाज में कहा कि शिकायतों की सत्यता के आधार पर ही जांचे होती है। विश्वविद्यालय के प्रधान कार्यपालक कुलपति पर जांच बैठाने के स्पष्ट कारण विश्वविद्यालय के अधिनियम (एक्ट) में उल्लेखित है।

मीडिया में क्या प्रकाशित हुआ, उस पर उनका कोई ध्यान नही है। उनका अटेंशन सिर्फ विश्वविद्यालय की बेहतरी को शुरू किए गए कार्यों पर है। वो अपने दायित्वों का नियमानुसार निर्वहन कर रहे हैं और विश्वविद्यालय के अधिनियम एवं परिनियम की व्यवस्थायें के तहत उनका सरंक्षण कर अपनी जूम्मेदरिया निभा रहे हैं।

कहा कि उन्हें उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की जांच की अभिलेखीय जानकारी नही है। हां, समाचार पत्र के माध्यम से उन्होने खबर जरूर पड़ी है कि उन्हे 10 हजार का ग्रेड पे वेतन पर 2016 से कार्य करने का अनुभव है, जिस कारण वह कुलपति पद की अर्हता पूरी नही करते।

कुलपति डा0 ध्यानी ने बताया कि उन्हें 01.01.2007 से 28.09.2017 (अर्थात 10 वर्ष से अधिक का ) ग्रेड पे 10 हजार पर सेवा का अनुभव है और उन्होने इस ग्रेड पे पर 01.01.2007 से वेतन का आहरण किया है। उन्होने यह भी अगवत कराया कि जब प्रोफेसर का रू0 4500 वाला स्केल होता था तब वह इस स्केल पर 20 वर्ष पूर्व ही नियुक्त हो गये थे।

अतः समाचार पत्रों में प्रकाशित अर्नगल और मनगढ़त शिकायत पूर्ण रूपेण असत्य, भ्रामक और सत्यता से परे है। सुखियों पर रहने के लिये कुछ सोशल मीडिया और समाचार पत्रां मे ऐसी शिकायते छपती रहती हैं।

कुलपति डा. ध्यानी ने बताया कि विश्वविद्यालय में कार्यरत कुछ अमर्यादित अधिकारियों/कर्मचारियों और उनके कुछ सोशल मीडिया साथी तथा कुछ निजी संस्थानों के संस्थापक उनके कठोर निर्णयों से पूर्णरूपेण भयभीत हुए हैं। क्योंकि उन पर विश्वविद्यालय द्वारा कठोर कार्यवाहियां की गयी।

यही एक मात्र कारण है कि वे सब एक होकर विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ अपनी मुहिम चलाते हुए हैं। जिसका उन पर कोई प्रभाव नही पडता है।

 

Tirth Chetna

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