संगीत विभागः स्वर, लय और ताल को साधने की तैयारी
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय का ऋषिकेश परिसर आकार ले रहा है। विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए टीम यूनिवर्सिटी पूरी तरह से तैयार है। विभिन्न विभागों में नियुक्त प्राध्यापकों में कुछ खास करने का जज्बा साफ दिखता है।
हिन्दी न्यूज पोर्टल www.tirthchetna.com विश्वविद्यालय की बेहतरी को टीम यूनिवर्सिटी के प्रयासों में साथ है। पोर्टल विभिन्न विभागों की तैयारी, चुनौती और लक्ष्य को लेकर प्राध्यापकों से बातचीत का अभियान चला रहा है।
ऋषिकेश। संगीत के बगैर जीवन अधूरा है। संगीत सकारात्मकता प्रदान करता है। स्वर, लय और ताल के संयोजन में बड़ी ताकत होती है। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय का संगीत विभाग इसी को साधने की तैयारी में है।
मंगलवार को हिन्दी न्यूज पोर्टल www.tirthchetna.com ने विश्वविद्यालय के संगीत विभाग में दस्तक दी। विभागाध्यक्ष डा. शिखा ममगाईं ने यहां की व्यवस्थांए हिन्दुस्तानी संगीत के अंदाज में की हैं। संगीत यंत्रों के रखरखाव से लेकर बैठक व्यवस्था के अंदाज साफ झलकता है कि संगीत विभाग पूरी तरह से तैयार है।
विभागाध्यक्ष डा. शिखा ममगाईं ने विश्वविद्यालय की बेहतरी में संगीत विभाग के योगदान की तैयारियों पर विस्तार से जानकारी दी। बताया कि अभी यहां स्नातक स्तर तक ही संगीत विषय है। जल्द से जल्द पीजी भी हो इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।
दयालबाग आगरा की निष्णात और पीएचडी शिखा मंमगाईं संगीत में रोजगार की संभावनाओं को विस्तार से बताती हैं। उनके पास इसके लिए पूरा प्लान है। संगीत की बारीक परख है। इसका लाभ विश्वविद्यालय को मिलने वाला है।
डा. ममगाईं ने बताया कि एक बार व्यवस्थाएं पटरी पर आ जाएं तो संगीत विभाग को काम बोलेगा। स्वर भी सुनाई देंगे, लय दिखेगी और ताल सुनाई देगी।
अन्य विभागों की तरह संगीत विभाग में संसाधनों का अभाव साफ-साफ दिखता है। बावजूद संगीत विभाग जादू बिखेरने को तैयार है।