मुनिकीरेती के अतिक्रमण पर टिहरी जिला प्रशासन की चुप्पी

मुनिकीरेती के अतिक्रमण पर टिहरी जिला प्रशासन की चुप्पी
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सड़कें लगातार हो रही संकरी, नाले-खालों पर हो रहे कब्जे

तीर्थ चेतना न्यूज

मुनिकीरेती। मुनिकीरेती नगर पालिका, तपोवन नगर पंचायत और बदरीनाथ हाइवे से लगे क्षेत्रों में हो रहे अतिक्रमण पर टिहरी जिला प्रशासन मौन साधे हुए है। परिणाम सड़कें लगातार संकरी हो रही हैं और नाले-खालों पर कब्जे बढ़ रहे हैं।

टिहरी जिले की सीमा पर स्थिति मुनिकीरेती पर्यटन और तीर्थाटन के क्षेत्र में अच्छा दखल रखता है। राज्य गठन के बाद उक्त क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। परिणाम लोभ-लालच भी यहां खूब दिखने लगा है। ये लोभ-लालच अब आम हो गया है।

अब ये अतिक्रमण के रूप में दिख रहा है। मारे अतिक्रमण के मुनिकीरेती नगर पालिका का आंतरिक क्षेत्र कराह रहा है। सड़कें लगातार संकरी हो रही हैं। नाले-खालों और सार्वजनिक रास्ते अतिक्रमण की भेंट चढ़ गए हैं। चंट चकड़ैत सरकारी जमीनों में भी खेल कर रहे हैं।

कब्जे की जमीनों के रेट महानगरों में जमीनों के रेट को आइना दिखा रहे हैं। कई बार जागरूक लोग सवाल भी खड़े करते रहे हैं। मगर, हर तरफ इसको लेकर सन्नाटा पसरा हुआ है। हो हल्ले के बाद चिन्हिकरण जरूर होता है।

दरअसल,अब इस अतिक्रमण पर वोट का रंग लग चुका है। परिणाम राजनीतिक व्यवस्था चुप्पी साधे हुए है। हैरानगी की बात ये है कि टिहरी जिला प्रशासन ने भी कभी इसका संज्ञान नहीं लिया।

गंगा के तट से लेकर रिजर्व फॉरेस्ट तक जमीनों में बड़े-बड़े खेल हो रहे हैं। यही हाल तपोवन नगर में देखा जा सकता है। बदरीनाथ हाइवे पर कई स्थानों पर नदी नालों में हो रही बसावट सिस्टम पर सवाल खड़ी करती है।

Tirth Chetna

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