स्कूली शिक्षाः एलटी कैडर के व्यवस्थागत घपरोल से शिक्षक परेशान
देहरादून। एलटी कैडर में व्याप्त व्यवस्थागत घपरोल से सीधी भर्ती के साथ ही प्राथमिक शिक्षक भी परेशान है। किसी का प्रमोशन नहीं हो रहा तो कोई प्रमोशन लेकर ठगा सा महसूस कर रहा है।
जी हां, बुनियादी शिक्षा में सबसे अधिक प्रयोग होते हैं। प्रयोगों के रिजल्ट भले ही विभाग सार्वजनिक न करता हो। मगर, आम आदमी की जुबां से प्रयोगों के बारे में बहुत कुछ सुना जाता है। शिक्षकों के एलटी कैडर में भी खूब प्रयोग हो रहे हैं।
सीटी कैडर को समाप्त करने के साथ शुरू हुआ प्रयोग अब काफी सफर तय कर चुका है। परिणाम शिक्षकों के एलटी कैडर में व्यवस्थागत घपरोल अब साफ-साफ दिखने लगा है। कैडर में बगैर होमवर्क के हुए प्रयोग एक तरह से बैक फायर करने लगे हैं।
एलटी सीधी भर्ती के शिक्षक विषयगत लाभ ( कथित प्रथम प्रमोशन ) के लिए तरस रहे हैं तो बेसिक /जूनियर से एलटी में आए ( पहले समायोजन और अब प्रमोशन के नाम पर) शिक्षक स्वयं का ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
इस तरह से एलटी में शिक्षकों की दो धाराएं बन गए हैं। एक को वरिष्ठता के बाद भी प्रमोशन नसीब नहीं हो रहा है तो एक प्रमोशन पाकर वरिष्ठता के लिए टपरा रहा है। दोनों की मांगे बिलकुल जुदा हैं। दोनों की मांग समय से पूरी करने के लिए विभाग को एक और प्रयोग करना पड़ेगा।
कहते हैं जब करने और न करने में जोखिम हो तो करना चाहिए। इसकी शुरूआत एलटी सीधी भर्ती और प्रवक्ता पद से होनी चाहिए। हाई स्कूल के हेडमास्टर और प्रिंसिपल के शत प्रतिशत पदों पर एक झटके में प्रमोशन हों तो प्रयोग परिणामी साबित होगा।