सरकार! लोकल सवारियों के लिए कहां हैं वाहन

जी का जंजाल बनीं चारधाम यात्रा की भीड़
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। स्थानीय लोगों के लिए चारधाम यात्रा की कथित भीड़ जी का जंजाल बन गई। ऋषिकेश से चमोली, टिहरी, रूद्रप्रयाग, पौड़ी और उत्तरकाशी के अपने गांव पहुंचना लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है।
चारधाम यात्रा में हर वर्ष स्थानीय लोगों की तमाम तरह से परेशानियां बढ़ती हैं। अतिथि देवो भव के भाव से लोग इसे खुशी-खुशी सहन करते रहे हैं। इस वर्ष उमड़ी भीड़ और यात्रा को रेगुलेट करने के मशीनरी के तौर तरीकों ने यात्रियों के साथ ही स्थानी लोगों की फजीहत करा दी।
लोगों के शादी-विवाह, सामूहिक पूजा और अन्य कार्यक्रमों में गांव तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। ऋषिकेश से ऋषिकेश से चमोली, टिहरी, रूद्रप्रयाग, पौड़ी और उत्तरकाशी के विभिन्न क्षेत्रों के लिए वाहन नहीं मिल पा रहा हैं।
लोग किसी तरह से वाहन चालकों के रहमो करम पर हैं। मनमाना किराए लेने की बात भी सामने आ रही है। भारी गर्मी में लोग इस पर सवाल उठाने की स्थिति में भी नहीं हैं।
गांव पहुंच रहे लोगों के लिए फिर से देश के विभिन्न क्षेत्रों तक जाने के लिए ऋषिकेश तक पहुंचना टेढ़ी खीर साबित हो रही है। ऑफ सीजन में ब्रांच रूट पर सवारियों के लिए चिलाने वाले छोटे वाहन सिरे से गायब हैं। सबको चारधाम यात्रा भा रही है।
60 प्रतिशत वाहन लोकल रूट का शासनादेश का पालन नहीं हो रहा है। सरकारी मशीनरी इस पर गौर करने को तैयार नहीं है। सिस्टम को सिर्फ यात्रियों की चिंता है। लोकल यात्रियों की समस्या पर अधिकारी गौर करने को तैयार नहीं हैं। विधायक और सांसदों ने अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर मुंह खोलना बंद कर दिया है।