इंदिरा हृदेश को याद कर भावुक हुए नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, कहा आज कुर्सी पर बैठा जरूर हूं, लेकिन यकीन नहीं हो रहा है

इंदिरा हृदेश को याद कर भावुक हुए नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, कहा आज कुर्सी पर बैठा जरूर हूं, लेकिन यकीन नहीं हो रहा है
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देहरादून। पूर्व नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हिरदेश को आज सदन में भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह इंदिरा हिरदेश को याद कर भावुक हुए।

दिवंगत नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदेश के निधन के शोक प्रस्ताव पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा आज कुर्सी पर बैठा जरूर हूं, लेकिन यकीन नहीं हो रहा है। इंदिरा को याद कर भावुक होते हुए कहा ब्यक्ति चला जाता है यादे शेष रहती है। उत्तराखंड निर्माण में इंदिरा हिरदेश का अहम योगदान रहा है। सदन के अंदर पक्ष व विपक्ष में समन्यवय बनाने का काम किया है। आज लग ही नहीं रहा वो हमारे बीच नहीं हैं। प्रीतम सिंह ने कहा उनको सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब हम सभी उनके दिखाए रास्ते पर चलें।

आपको बता दें कि 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ। उस समय जब अंतरिम सरकार बनी तो इंदिरा हृदयेश विपक्ष की नेता चुनी गईं थी। मार्च 2002 में उत्तराखंड में पहली विधानसभा के लिए चुनाव हुए, इस चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई और एनडी तिवारी मुख्यमंत्री बने। हलद्वानी सीट से इंदिरा पहली बार विधायक बनीं एनडी तिवारी की सरकार में इंदिरा हृदयेश पीएडब्ल्यूडी, फाइनेंस, संसदीय कार्य, सूचना जैसे अहम विभागों की मंत्री बनाई गईं । एनडी तिवारी की सरकार में इंदिरा का इतना दबदबा था कि सरकार में इंदिरा जो बोल देती थीं, वो पत्थर की लकीर हुआ करता था।

Amit Amoli

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