जोशीमठ अब ज्योर्तिमठ के नाम से जाना जाएगा

चमोली। जोशीमठ अब ज्योर्तिमठ के नाम से जाना जाएगा। सरकार इस नाम को अधिकृत करने जा रही है। इससे पहले सरकार ने घाट ब्लॉक का नाम बदलकर नन्दानगर कर दिया था।
शनिवार को नन्दानगर में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ का नाम बदलकर ज्योर्तिमठ करने का ऐलान किया। ज्योर्तिमठ नाम पूर्व में भी प्रचालित रहा है। कालांतर में ये नाम जोशीमठ प्रचलित हो गया। अब से सही कर ज्योर्तिमठ किया जा रहा है। इससे पूर्व सरकार जिले के घाट ब्लॉक का नाम बदलकर नन्दानगर कर चुकी है।
विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंंचना सरकार का लक्ष्य है। सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है और इसके परिणाम भी दिख रहे हैं।
ये कहना है प्रदेश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का। धामी शनिवार को जनपद चमोली के विकासखंड नन्दानगर (घाट) मे विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने 56 करोड़, 54 लाख, 93 हजार की विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास भी किया।
इस मौके पर उन्होंने चमोली जिले के जोशीमठ का पौराणिक नाम ज्योर्तिमठ करने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि आज का दिन श्रद्धेय जननायक, भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्म जयंती भी है। भारत के मानचित्र में अलग राज्य के तौर पर उत्तराखंड का गठन करने वाले अटलजी को देवभूमि का शत-शत प्रणाम करता हूॅ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सेवक के रूप में मैं निरंतर ऐसे फैसले ले रहा हूं जो सीधे जनता से जुड़े हैं और जिनमें जनसरोकार सर्वोपरि है। ये आपकी अपनी सरकार है जिसका एकमात्र ध्येय आपकी प्रगति, आपका विकास है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है। हम पहाड़ में रेल का सपना देखते थे। मोदी जी ने इस सपने को साकार किया है। एक ओर जहॉ ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर कार्य तेजी से चल रहा है, वहीं सामरिक एवं भौगोलिक ष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना को भी मंजूरी मिल चुकी है। इसी तरह चार धाम ऑल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट पर भी तीव्र गति से काम किया जा रहा है।
चार धाम यात्रा उत्तराखण्ड के लिए लाइफ लाईन है और ये परियोजनाएं जहां चारधाम यात्रा को सुगम बनाएंगी, पर्यटन को बढ़ावा देगी वहीं हमारी अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन भी लाएगी। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार की तमाम विकास योजनाओं को भी गिनाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लक्ष्य विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है और इसके लिए हम दिन रात प्रयत्नशील हैं। विकसित उत्तराखंड का जो स्वप्न हमने देखा है, उसके लिए हम एक विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
हमने सभी विभागों से दस साल का रोडमैप मांगा है, ताकि राज्य के विकास का एक उत्कृष्ट खाका खींचा जा सके। इसके अलावा सरकार ने बोधिसत्व विचार श्रृंखला कार्यक्रम को भी शुरू किया है जिसके अंतर्गत सरकार विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर चुके अनुभवी व्यक्तियों से सुझाव लेकर योजनाएं बना रही है।
हम पलायन, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन जैसे विषयों पर ऐसी ठोस नीतियां बनाने का काम कर रहे हैं जो आने वाले वर्षों में ’’आत्म निर्भर उत्तराखण्ड’’ के हमारे संकल्प को सिद्ध करेंगी। हमारी नीति और नीयत दोनों स्पष्ट हैं। हमारी नीति विकास की और नीयत है विश्वास की है।
हमारा संकल्प है राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष तक उत्तराखंड को भारत का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना और ये हमारा संकल्प ’’विकल्प रहित संकल्प’’ है। कार्यक्रम के दौरान सीएम ने पूर्व शहीद सैनिकों को श्रद्वांजलि भी दी।
सांसद एवं पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हमारी सरकार ने तेजी से क्षेत्र का विकास किया है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार चारधामो को सडक और रेल लाइन से जोडने का काम कर रही है। आज देश और प्रदेश का विकास कुशल नेतृत्व से तेजी से आगे बढ रहा है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सरकार प्रदेश के विकास के लिए संकल्पबद्व है। इस अवसर मुख्य विकास अधिकारी वरूण चौधरी, संयुक्त मजिस्ट्रेट अभिनवन शाह, एसडीएम संतोष पांडेय एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं भारी संख्या में क्षेत्रीय जनता मौजूद थी।