उत्तराखंड के नौकरी घोटाले की सीबीआई जांच जरूरी

यूकेएसएसएसी के अलावा अन्य एजेंसियों की भर्तियों पर भी उठ रहे सवाल
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक मामले में अभी तक 22 गिरफ्तारी हो चुकी हैं। मामले में हर रोज हो रहे नए खुलासे और पुरानी भर्तियों को लेकर भी सामने आ रहे तथ्यों को देखते हुए राज्य के लोग चाहते हैं कि जांच सीबीआई को सौंपी जाए।
उत्तराखंड राज्य गठन के दिन से ही सरकारी नौकरियों की बंदरबांट/घोटाले शुरू हो गए थे। हर सरकार में जमकर हुए। कई सफेदपोशों के नाम भी सामने आए। मगर, हुआ कुछ नहीं। ऐसे मामलों में राजनीतिक दलों का सत्ता में रहते हुए कुछ और विपक्ष में रहते हुए रूख कुछ और होता है।
राजनीतिक दलों के इस दोपहरेपन की सजा उत्तराखंड राज्य का आम जनह र स्तर पर भुगत रहा है। नेशनल बेस वाली उसकी राजनीतिक जागरूकता उसे हर पांच साल बाद वहीं खड़ा कर देती है। बहरहाल, पहली बार उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक मामले के बहाने कुछ हो हल्ला शुरू हुआ है।
इस मामले में अभी तक 22 गिरफ्तारी हो चुकी हैं। हाकम सिंह को इसका मास्टर माइंड ठहराने की कोशिश भी शुरू हो गई हैं। सच ये है कि हाकम सिंह इस मामले में सिर्फ पैडलर की भूमिका में है। राज्य में सरकारी नौकरियों के घोटाले के असली चेहरों का सामने आना अभी शेष है।
एसटीएफ द्वारा एक माह से कम समय में 22 गिरफ्तारी को उपलब्धि माना जा रहा है। सरकार भी तारीफ कर रही है और विपक्ष भी। मगर, सच ये है कि राज्य सरकार के अधीन काम करने वाली किसी भी एजेंसी की सीमा हर किसी को पता है।
उत्तराखंड की नौकरी घोटाला अन्य राज्यों की सीमा तक भी पहुंच गया है। यूपी के एक सरकारी कर्मचारी की गिरफतारी भी हो चुकी है। यूपी के कई जिले इसमें शामिल हो चुके हैं। बिजनौर, सहारनपुर और लखनऊ तक तमाम लिंग सामने आ चुके हैं।
ऐसे में आम लोग चाहते हैं कि मामले की सीबीआई जांच हो। जांच का दायरा यूकेएसएससी ही नहीं भर्ती परीक्षा कराने वाली अन्य एजेंसियां भी हों। तमाम भर्तियों को लेकर कई खुलासे हो रहे हैं।