नौकरी पाने वालों को सजा तो बांटने वाले को मजा क्यों

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कैबिनेट मंत्री के खिलाफ नहीं हुआ एक्शन तो करूंगा आमरण अनशनः रमोला

तीर्थ चेतना न्यूज

ऋषिकेश। कांग्रेस नेता एवं एआईसीसी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने सवाल उठाया कि विधानसभा में नौकरी पाए सभी को हटा दिया गया है। मगर, नौकरी बांटने वाले पर कोई एक्शन नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को बर्खास्त नहीं किया गया तो वो आमरण अनशन करेंगे।

रविवार को रेलवे रोड स्थित एक होटल में मीडिया से बातचीत करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला भाजपा सरकार पर तीखे सवाल किए। उन्होंने विधानसभा भर्ती घोटाले की जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही को अधूरा बताया। कहा कि नौकरी पाने वालों को सजा और नौकरी बांटने वाले मंत्री को मंत्रालय का मज़ा क्यों दिया जा रहा है ।

कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला ने कहा कि विधानसभा भर्ती घोटाले में आई जांच समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि वर्ष 2016 तक 150, वर्ष 2020 में 6 व वर्ष 2021 में 72 तदर्थ भर्तियाँ नियम के विरूद्ध की गई हैं इस सभी भर्तियों को करवाने में विधानसभा एक्ट में अनुच्छेद 14-16 का उल्लंघन किया गया है। ये भर्तियां नियमानुसार नहीं हुई हैं। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल पूर्व में कहते रहे कि ये भर्तियाँ नियमानुसार है तो कहीं ना कहीं या तो समिति की रिपोर्ट ग़लत है या प्रेमचन्द ग़लत हैं।

सवाल उठाया कि जब नियुक्तियों को रद्द किया गया तो जिसने इन नियुक्तियों को संस्तुति दी उन पर सरकार क्या और कब कार्यवाही करेगी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई बड़ों पर एक्शन से ही संभव है। कहा कि 2021 में 72 लोगों को जिसमें मंत्री के भांजे, आरएसएस के नेताओं के रिस्तेदारों सहित प्रदेश के कई भाजपा नेताओं के क़रीबियों को दिसम्बर में ही नौकरी दे दी गई थी परन्तु इनको तनख़्वाह नहीं दी जा रही थी क्योंकि तत्कालीन वित्त सचिव ने इसकी संस्तुति नहीं की और जैसे ही 2022 के विधानसभा चुनाव हुऐ तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष चुनाव जीत कर संसदीय कार्य मंत्री व वित्त मंत्री बने तो उन्होंने एक ही दिन में पहले संसदीय कार्य मंत्री के रूप में पदों का सृजन कर वित्त मंत्री के रूप तनख़्वाह को वित्तीय स्वीकृति देते हैं।

स्पष्ट है कि एक ही व्यक्ति प्रेमचन्द अग्रवाल तीनवपदों का इस्तेमाल कर बैक डोर से अवैध नियुक्ति देते है तो असली दोषी भी यही है और उनपर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिये । कहा कि एक ओर होनहार बच्चे सोर्स व पैसा ना होने के कारण प्राईवेट रिसोर्ट व अन्य जगहों पर नौकरी करने पर मजबूर ह,ैं और वहीं दूसरी ओर मंत्री द्वारा अपने निठल्ले रिस्तेदारों को पीछे के दरवाज़े से अवैध नियुक्ति दी जाती है।

उन्होंने राज्यपाल व सरकार से मांग की कि प्रेमचन्द अग्रवाल पर अवैध नियुक्तियों के लिये मंत्री मण्डल से बर्खास्त कर मुक़दमा दर्ज करना चाहिये। कहा कि जैसा सुना जा रहा है कि विधानसभा बैक डोर भर्ती के लिये मोटी रक़म नौकरी पाने वालों ने दी है और अब उनकी भर्ती निरस्त हो गई है तो जिन भी लोगों ने भर्ती होने के लिये अगर पैसा दिया है तो वह हम कांग्रेस जनों से मिल सकता है हम उसकी सुनवाई के लिये भी संघर्ष करेंगे ।

रमोला ने एलान करते हुऐ सरकार से माँग की कि अगर आने वाले दशहरे तक अवैध भर्ती के घोटाले के मुख्य सूत्रधार प्रेमचन्द अग्रवाल को मंत्री पद से बर्खास्त ना किया गया तो मैं दशहरे के बाद प्रेमचन्द अग्रवाल के ऋषिकेश निवास के बाहर आमरण अनशन करूँगा और साथ ही विधिक राय लेकर विधानसभा में नियमविरूद्ध भर्ती करने वाले मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल के विरूद्ध मुक़दमा दायर करने के लिये उच्च न्यायालय की शरण में जाऊँगा ।

प्रेस वार्ता में प्रदेश सचिव मदन मोहन शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष सुधीर रॉय, पार्षद राकेश सिंह, पार्षद शकुंतला शर्मा, पार्षद देवेन्द्र प्रजापति, पार्षद भगवान सिंह पंवार, युंका प्रदेश महासचिव गौरव राणा आदि मौजूद थे।

Tirth Chetna

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