योग की अंतर्राष्ट्रीय राजधानी ऋषिकेश में योग दिवस की धूम

योग की अंतर्राष्ट्रीय राजधानी ऋषिकेश में योग दिवस की धूम
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योग को दिनचर्या का हिस्सा बनाएंः पुष्कर सिंह धामी

तीर्थ चेतना न्यूज

ऋषिकेश। योग की अंतर्राष्ट्रीय राजधानी ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में योग दिवस की धूम रही। इस मौके पर योग को दिनचर्या का हिस्सा बनाने पर जोर दिया गया।

मंगलवार को राज्य भर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की धूम रही। राजधानी देहरादून के राज भवन से लेकर हरिद्वार और ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग द्वारा योगा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग करते हुए हजारों लोगों के साथ योग किया एवं राज्य के साथ ही देश के प्रत्येक नागरिक को योग के प्रति जागरूक ,योग को दिनचर्या में शामिल करने एवं योग के महत्व का संदेश दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री धामी को परमार्थ निकेतन द्वारा गंगा पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।

इस मौके पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लोगों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की बधाइयां एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच के कारण आज योग जन जन तक पहुंचा है उन्होंने कहा योग दिवस एक उत्सव के रूप में मनाया जाए एवं लोगों में योग के प्रति उत्साह हो यह सपना अब पूरा होता दिख रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज योग को विश्व के कोने कोने में पहुंचाया है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि शरीर और मन दोनों को सेहतमंद बनाए रखने के लिए नियमित रूप से दिनचर्या में योगासनों को शामिल करके लाभ प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा योग से संपूर्ण शरीर की दिशा एवं दशा बदलती है साथ ही जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। योग का अभ्यास शरीर, श्वास और मन को जोड़ता है। उन्होंने कहा आदिकाल से ऋषि-मुनियों ने योग को अपनाया है उनकी शक्ति एवं सफलता के पीछे योग एवं ध्यान है।

धामी ने ऋषिकेश नगरी को योग धर्म संस्कृति आयुष की धरा बताया। उन्होंने कहा जिस तरह ऋषिकेश से मां गंगा पूरे देश को जीवन देने का कार्य करती है, उसी प्रकार ऋषिकेश से योग का संदेश पूरे विश्व में जाता है। उन्होंने कहा योग अब एक वैश्विक पर्व बन गया है। योग किसी व्यक्ति मात्र के लिए नहीं, संपूर्ण मानवता के लिए है। इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम ल्वहं वित ीनउंदपजल भी मनुष्य एवं मानवता हेतु योग के सकारात्मक संकेतों को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की नीति हमेशा से सत्यता एवं न्याय के आधार पर आगे बढ़ने की रही है, उन्होंने कहा हमारा देश मानवता की सेवा का जीता जागता उदाहरण है। कोरोना काल के बाद मेगा वैक्सीनेशन का कार्य भारत वर्ष में चलाया गया, साथ ही मानवता का परिचय देते हुए दुनिया भर में भारत द्वारा वैक्सीन बांटने का कार्य किया गया। भारत ने हमेशा से सभी के सुख और कल्याण की कामना करते हुए ’सर्वे भवंतू सुखिन, सर्वे संतु निरामया’ की भावना का संदेश दिया।

कहा कि हमें उत्तराखंड राज्य को 25वे वर्ष पर योग, संस्कृति, पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है, जिसके लिए राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा सभी विभागों को अगले 10 वर्षो के विकास कार्यो का रोडमैप तैयार करने हेतु निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा आने वाले समय में ऋषिकेश क्षेत्र में पर्यटन हेतु और अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हो इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

परमार्थ निकेतन के प्रमुख चिदानंद सरस्वती महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि योग की राजधानी के रूप में विश्वविख्यात संतनगरी ऋषिकेश के गंगा के तट से आज योग का संदेश दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योग हमें ऑलनेस, वेलनेस संदेश देता है, योग एक इंसान को दूसरे इंसान से और जीवमात्र को जीवमात्र से जोड़ता है। योग हमारे मन – मस्तिष्क की वर्जनाओं-बाधाओं को दूर करता है तथा सभी को आपस में प्रेम, विश्वास, सद्भाव से जोड़े रखने का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री ने अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ योग में प्रतिभाग करके यह संदेश दिया कि योग को अपने परिवार के साथ करें।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल , विधायक श्रीमती रेनू बिष्ट , विधायक दुर्गेश्वर लाल , साध्वी भगवती, आयुष सचिव डॉ. पंकज पांडे , डीजीपी अशोक कुमार, प्रो. सुनील कुमार जोशी (कुलपति, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय विधायक ) ,डॉ. अरुण कुमार त्रिपाठी (निदेशक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं, उत्तराखंड) एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

Tirth Chetna

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