अनेकता में एकता को समेटे हुए है भारतीय संविधान

अनेकता में एकता को समेटे हुए है भारतीय संविधान
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संविधान दिवस पर विशेष

डा. गुंजन जैन

भारतीय संविधान हर दृष्टि से खास विशेषताओं से परिपूर्ण है। इसको तैयार करने से लेकर इसमें देश की अनेकता में एकता को बेहतर तरीके से समाहित रखना इसकी खास विशेषताओं में से एक है।

आज संविधान दिवस है। हर भारतीय नागरिक के लिए प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर का दिन बेहद ही महत्वपूर्ण होता है यह वह दिन है जब देश के संविधान सभा ने संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था। सविधान उन नियमों कानूनों का समूह है जिसके आधार पर सिस्टम तमाम व्यवस्थाओं का संचालन करता है।

26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है वर्ष 2015 में संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 150 वी जयंती के रूप में 26 नवंबर को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इस दिवस को संविधान दिवस के रूप में अधिसूचित किया जिसका उद्देश्य यह था कि भारत के प्रत्येक नागरिक में संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ावा दिया जा सके।

भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है भारतीय संविधान को बनाने में संविधान सभा को 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन का समय लगा और 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान बनकर तैयार हो गया इसकी मूल प्रति प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने अपने हाथों से लिखी थी संविधान हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में लिखा गया था। भारतीय संविधान बनकर तैयार हुआ था तो उसके 22 भाग 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थी जो वर्तमान में आकर 25 भाग 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हो गई।

संविधान जीवन का वह मार्ग है जिसे राज्य ने अपने लिए चुना है राज्य का वह जीवन जो अपनी परिस्थितियों और आवश्यकता के अनुसार संविधान में समय-समय पर मैं कुछ परिवर्तन कर जीवन के उपयोगी बनाता है भारत जैसे विशाल और विविधता से परिपूर्ण देश के लिए संविधान का निर्माण निश्चित रूप से एक कठिन कार्य था।

अतः इस संविधान निर्माण के कार्य को शुभारंभ करने के लिए संविधान सभा ने अनेक महत्वपूर्ण समितियों का निर्माण किया मुख्य रूप से इन समितियों को दो भागों में विभाजित किया गया प्रथम वर्ग की समितियां संविधान निर्माण की प्रक्रिया के प्रश्नों को हल करने के लिए गठित की गई और दूसरी समितियों ने संविधान के प्रारूप का निर्माण किया।

भारतीय संविधान विभिन्न देशों के संविधान के सहयोग से बना है भारतीय संविधान के स्रोत अमेरिका ब्रिटेन कनाडा फ्रांस जापान रूस आयरलैंड ऑस्ट्रेलिया जापान आदि देश रहे हैं वही भारत में प्रचलित कई परंपराएं रीति रिवाज अभी समय भी भारत के संविधान को बनाने में विशेष योगदान दिया भारत संस्कृति विविधता वाला देश है।

अनेक सभ्यताओं का साक्षी रहा देश है। यहां पर विभिन्न धर्म भाषा और जाति के लोगों एक साथ रहते हैं। भारत का विकास कैसे हो इस प्रश्न के लिए जब हम प्रत्येक नागरिक को संवैधानिक मूल्य के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ावा देंगे तभी भारत का विकास उन्नति तक पहुंच सकता है।
 संविधान दिवस का महत्व भी तभी सिद्ध हो पाता है जब नागरिक अपने राष्ट्र के प्रति सम्मानीय दृष्टिकोण को अपनाते हैं।

लेखिका गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज में राजनीति विज्ञान की प्राध्यापक है।

Tirth Chetna

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