गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में जड़ी-बूटी दिवस पर औषधीप पौधे रोपे

पर्यावरण की दृष्टि से उपयोगी होगा मिश्रित वन
तीर्थ चेतना न्यूज
श्रीनगर। जड़ी-बूटी दिवस पर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के परिसर में औषधीय पौधे रोपे गए। इस मौके पर आदर्श पर्यावरणीय परिस्थितियों के लिए मिश्रित वन पर जोर दिया गया।
बुंगाणी रोड से लगी बंजर भूमि को हरियाली में तब्दील करने के लिए गढ़वाल विश्वविद्यालय के स्तर से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। विश्वविद्यालय यहां पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से मिश्रित वन विकसित कर रहा है। विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. आर. सी. भट्ट की उपस्थिति में गुरूवार को जड़ी बूटी दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय के प्राधिकृत अधिकारीयों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों द्वारा हैप्रेक, भू विकास सेल एवं ग्रीन प्लान कमेटी के सहयोग से औषधीय उपयोगिता वाले पादपों का वृहद् स्तर पर रोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में हैप्रक के वैज्ञानिक डॉ. विजय कान्त पुरोहित द्वारा सभी अथितियों को पूर्व से किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। बताया गया कि कुलपति, प्रोफ़ेसर अन्नपूर्णा नौटियाल के मार्गदर्शन में नोडल अधिकारी, भू-विकास सेल, ई0 महेश डोभाल के निरन्तर सहयोग से वर्षों से बंजर पड़ी भूमि पर अतिक्रमण की घटनाओं की रोकथाम तथा स्थाई रूप से भू विकास के दृष्टिगत कैम्पस हार्टिकल्चर इनीसियेटिव थ्रू रिफार्मिगं एकिटविटीज (चित्रा) कैम्पेन के तहत मिश्रित वन विकसित करने का प्रयास किया गया है।
प्रथम चरण में लगभग दो हेक्टेयर भू -भाग में रोपित किये गये विभिन्न प्रजाति के पादपों द्वारा दो वर्षों की अल्प अवधि में ही अच्छी ऊँचाई प्राप्त कर ली गई है, तथा इसी कार्य को दूसरे फेज में गति प्रदान करने के लिए आज जड़ी बूटी दिवस के अवसर पर यह बृक्ष रोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
प्रति कुलपति प्रोफ़ेसर आर० सी० भट्ट के नेतृत्व में औषधीय पौधे अर्जुन, अशोक, सहजन, क्वेरीयाल, बेल, जामुन, पीपल, आंवला, हेडा, बहेड़ा, टिमरू, रीठा, कुटज, आदि के लगबग 200 पौधों रोपण सम्पन्न किया गया। आयोजकों द्वारा यह भी बताया गया कि यह कार्यक्रम सतत रूप से गतिमान है जिसके तहत विश्वविद्यालय की लगभग 10 हे0 भूमि पर शहर के पास मिश्रित वन तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है जिससे विश्वविद्यालय भूमि के पर्यावरण उपयोगी विकास के साथ ही भू धँसाव की समस्या का स्थायी निदान हो सकेगा एवं सभी शहरवासियों को इस वन से शुद्ध आक्सीजन भी उपलब्ध हो सकेगी ।
इस मौके पर कुलसचिव, डा0 ए.के. खण्डूरी, वित्त अधिकारी, डॉ० ए० के० मोहन्ती, हैप्रेक के निदेशक प्रोफ़ेसर एम० सी० नौटियाल, प्रोफ़ेसर पी० प्रसाद, उन्नत भारत अभियान के कोऑर्डिनेटर प्रोफ़ेसर प्रभाकर बडोनी, प्रोफ़ेसर आर० के० मैखुरी, आईक्यूयेसी निदेशक, प्रोफ़ेसर आर० सी० सुंदरियाल, प्रोफ़ेसर अनिल नौटियाल, परीक्षा नियन्त्रक, प्रोफ़ेसर अरुण रावत, डॉ० आशुतोष गुप्त, डॉ० मुनेश कुमार, डॉ० सर्वेश उनियाल, उप कुलसचिव नियुक्ति डॉ० संजय ध्यानी, डॉ० विजय लक्ष्मी, ए.डी.एस.डब्लू, डॉ० एस० सी० सती, जनसम्पर्क अधिकारी आशुतोष बहुगुणा, एन.सी.सी. ऑफिसर डॉ. सुरेन्द्र सिंह विष्ट. डॉ. मुकुल पन्त, डॉ. रमेश राणा, डा0 जे0एस. बुटोला, अनुभाग अधिकारी, परीक्षा, बीर सिंह नेगी के साथ ही छात्र छात्रायें, सदस्य, ग्रीन कैम्पस समिति एवं हैप्रेक का स्टाफ उपस्थित रहा।