गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज पावकी देवी में तनाव मुक्ति में योग एवं ध्यान की भमिका पर कार्यशाला
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, पावकी देवी में तनाम मुक्ति में योग एवं ध्यान की भूमिका विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में विषय विषेषज्ञों ने छात्र/छात्राओं को इससे जुड़ी जानकारियां दी।
मंगलवार को जनकल्याणकारी योजना क्रियान्वयन समिति तथा रोवर रेंजर इकाई के संयुक्त तत्त्वाधान मे “तनाव मुक्ति मे योग एवं ध्यान की भूमिका” पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जन कल्याणकारी योजना क्रियान्वयन समिति की नोडल डा0 नीलू कुमारी ने कहा कि तनाव आपके शरीर में होने वाली एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है।
कहा कि जब कोई बदलाव या चुनौतियाँ आती हैं तो उनके परिणामस्वरूप कई अलग-अलग शारीरिक, भावनात्मक और व्यवहारिक प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं। तनाव को पहचानना हमेशा आसान नहीं होता, लेकिन कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे आप यह पहचान सकते हैं कि आप बहुत ज़्यादा दबाव महसूस कर रहे हैं। कभी-कभी तनाव किसी स्पष्ट स्रोत से आ सकता है, लेकिन कभी-कभी काम, पढ़ाई, परिवार और दोस्तों से होने वाले छोटे-मोटे दैनिक तनाव भी आपके दिमाग और शरीर पर भारी पड़ सकते हैं।
लगातार तनाव व्यक्ति के स्वास्थ्य और कल्याण को प्रभावित कर सकता है। तनाव को प्रबंधित करने के सुझावों में व्यायाम, प्राथमिकताएँ निर्धारित करना, परामर्श आदि शामिल है। प्राचार्या डा0 छाया चतुर्वेदी ने कहा कि भविष्य को लेकर तमाम तरह की चिंताएं और पुराने समय को लेकर पछतावा करने से तमाम तरह के तनाव हो जाते हैं और आप वर्तमान पल का आनंद नहीं उठा पाते हैं। ऐसे में सिर्फ वर्तमान पर फोकस करें। अगर आप किसी चीज की अच्छी प्लानिंग करते हैं, तो फिर उसमें लगातार समीक्षा की जरूरत नहीं रहती है।
एक चिंतित व्यक्ति अपनी प्लानिंग की समीक्षा में ही लगातार लगा रहता है। ऐसे में बेहतर प्लानिंग कर तनाव से निजात पाई जा सकती है। समस्या को दूर करने के जितने भी विकल्प दिखें, उनकी एक लिस्ट बनाएं और उनमें से किसी विकल्प का चुनाव करें। अपनी योजना को कहीं पर लिख लें।
उन्होंने मोबाइल का सदुपयोग करने, संगीत सुनने, खेल कूद तथा दोस्तों से बात करने और योगासन को अपनाने की बात कही। रोवर लीडर डा0 ओमवीर ने विद्यार्थियों को योगाभ्यास, नाडीशोधन प्रणायम तथा ध्यान इत्यादि का अभ्यास करवाया। उन्होंने कहा कि सही तरीके से सांस लेने से तनाव दूर करने अथवा खत्म करने में मदद मिलती है।
इसके लिए समय निकालना होता है, अच्छे से अभ्यास करना होता है और इस तरीके को रोजाना प्रयोग करना होता है। आमतौर पर लोग यह नहीं सीखते हैं कि इस तरह सांस लेने का सही तरीका क्या है और न ही वे इसे नियमित रूप से करते हैं। किन्तु सही तरीका शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए उत्तम है। इस अवसर पर रेंजर लीडर डा0 तनु आर0 बाली, डा0 रेखा सिंह, डा0 गुंजन जैन, श्रीमती बबीता भट्ट, मुकेश रावत, श्री राहेंद्र सिंह, सुभाष, निखिल तथा समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे।