खुशहाल एवं सफल वैवाहिक जीवन पर एक दिवसीय विचार गोष्ठी

खुशहाल एवं सफल वैवाहिक जीवन पर एक दिवसीय विचार गोष्ठी
Spread the love

बढ़ते तलाक के मामले चिंता का विषयः त्रिवेंद्र सिंह रावत

तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। समाज में बढ़ते तलाक के मामले चिंता का विषय है। इस पर बुद्धिजीवी और सामाजिक संगठनों को गौर करना होगा। ताकि इससे तलाक की वजह से आ रही नकारात्मकता को दूर किया जा सकें।

ये कहना है हरिद्वार के सांसद एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का। रावत बुधवार को देवभूमि विकास संस्थान द्वारा आयोजित खुशहाल एवं सफल वैवाहिक जीवनष्जीने के विषय पर स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय एवं दून विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वधान में एसएचआरयू के सभागार में आयोजित विचार गोष्ठी में बोल रहे थे।

सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह एक समसामयिक विषय है इसकी जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है क्योंकि आज समाज में तलाक के केस बढ़ते जा रहे हैं जिसके कारण परिवारों पर दीर्घकालिक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। युवाओं के बीच में प्री वेडिंग काउंसलिंग संबंधित जागरूकता बढ़ाने की जरूरत हैस इसके लिए समाज में सभी लोगों की भागीदारी की आवश्यकता है क्योंकि जन चेतना से ही यह कार्य आगे बढ़ सकता है। इससे समाज लाभान्वित होगा।

इस अभियान में धर्मगुरु, पुजारी, पंडित, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक, समाज के प्रबुद्ध जन आदि महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं स विवाह के समय वैवाहिक संस्कार संपादित करने वाले पंडित इस तरह की जानकारी देंगें तो इस प्रसार को बढ़ाया जा सकता हैस इसके लिए समाज के विभिन्न क्षेत्रों से बुद्धिजीवियों को जोड़ने की आवश्यकता है।

विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ विजय धस्माना ने इसे अनूठी पहल बताया और कहा कि विशेषज्ञ काउंसलिंग के लिए दिशा निर्देश तैयार करेंगे जिससे यह कार्य सुचारू रूप से प्रारंभ हो सके।
वरिष्ठ साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर राजेश भट्ट ने कहा कि प्री वेडिंग काउंसलिंग से वैवाहिक संबंधों को बेहतर तरीके से निभा पायेंगे।

व्यक्ति जन्म से लेकर युवावस्था तक जीवन में ट्रॉमा से गुजरता है और इसका सही तरीके से मैनेजमेंट या ट्रीटमेंट नहीं हो पाने के कारण कई तरह के मानसिक विकार का शिकार होता है जिससे व्यक्ति की सेल्फ इमेज कमजोर होती है और स्वयं को लेकर नकारात्मक बिलीफ उत्पन्न होना और इन भावनाओं के लिए सहारा और प्यार पाने की कोशिश, विवाह को लेकर फैंटसी और वास्तविकता में अत्यधिक अंतर आदि कई कारणों से वैवाहिक जीवन खुशहाल नहीं रहता है जिसे प्री- वेडिंग काउंसलिंग के माध्यम से हल किया जा सकता है ।

विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने युवाओं की काउंसलिंग के साथ-साथ पैरेंटल काउंसलिंग पर भी जोर देते हुए कहा कि इस अभियान को जनता तक पहुंचाने में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो सकती है इसलिए प्रबुद्ध वर्ग और इनके माध्यम से इस अभियान को बढ़ाया जा सकता है।

परामर्शदात्री एवं उत्तराखंड कोऑपरेटिव फेडरेशन भंडारागार निगम की मैनेजिंग डायरेक्टर रामिंद्री मंद्रवाल, स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय की क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर मालिनी श्रीवास्तव, महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, बाल ंकीपांतल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना, प्रोफेसर हेमचंद्र, एडवोकेट रवि नेगी, एडवोकेट आर एस राघव, सुप्रिया चंद, प्रमोद रावत, प्रोफ़ेसर दीपक भट्ट, डॉ विक्रम सिंह रावत, भूपेश रावत, प्रियंका पाठक आदि ने भी संबोधित कियास
अतिथियों का स्वागत करते हुए स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राजेंद्र डोभाल ने कहा कि देवभूमि विकास संस्थान द्वारा विवाह पूर्व युवाओं की काउंसलिंग करने का विचार निश्चित रूप से एक सराहनीय प्रयास है और इससे परिवारों में खखुशहाली और आपसी संबंधों में मधुरता बढ़ेगी।

काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ अमन कपूर ने कहा कि जन्म से युवावस्था तक की परवरिश मनोविज्ञान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है इसलिए परवरिश पर ध्यान देना आवश्यक है और इसके लिए इस प्रकार के प्रयोग लाभकारी सिद्ध होंगेस
विचार गोष्ठी का संचालन प्रोफेसर एच सी पुरोहित ने किया और धन्यवाद ज्ञापन देवभूमि विकास संस्थान के सचिव श्री सत्येंद्र नेगी ने किया। इस अवसर पर स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अशोक देवरानी, प्रोफेसर विजेंद्र चौहान आदि उपस्थित रहे।

Tirth Chetna

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *