गवर्नमेंट पीजी कॉलेज उत्तरकाशी में महिला एवं आत्मनिर्भर भारत विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार

समाज और राष्ट्र के विकास को नेतृत्व में हो महिलाओं की भागीदारः प्रो. पुरोहित
तीर्थ चेतना न्यूज
उत्तरकाशी। गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, उत्तरकाशी में महिला एवं आत्मनिर्भर भारत विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शुरू हो गया। शिक्षाविदों ने इस बात पर जोर दिया गया राष्ट्र के विका के लिए जरूरी है कि नेतृत्व में महिलाओं की प्रभावी भागीदारी हो।
मंगलवार को वाणिज्य विभाग के बैनर तले आयोजित “महिला एवं आत्मनिर्भर भारत” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का गंगोत्री के विधायक सुरेश चौहान ने बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्जवलित कर किया। मुख्य वक्ता के रूप में दून विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एचसी पुरोहित ने भारत की प्राचीन विदेशी महिलाओं के जीवन के बारे में उल्लेख किया। कहा कि प्राचीन काल में भारत में गार्गी, मैत्रेयी रानी लक्ष्मीबाई, अहिल्याबाई होलकर जैसी अनेकों विदुषी और नेतृत्व क्षमता से भरी महिलाओं ने भारत को चलाया है।
आज भी अगर भारत को विकसित राष्ट्र की तरफ ले जाना है तो महिलाओं की देश में नेत्रत्व में भागीदारी को और भी बढ़ाना होगा। प्रो. प्रतीक गुप्ता ने सेमिनार में विभिन्न प्रकार के स्टार्टअप्स के बारे में बताया। साथ ही आत्मनिर्भर भारत की कहानी तभी सफल होगी जब महिलाओं को उनके अधिकार और उनके अस्तित्व के बारे में पूरी जानकारी होगी और उनकी देश के विकास में भागीदारी बढ़ेगी। प्रो. संजय सिंह मेहर ने आत्मनिर्भर भारत के विकास में महिलाओं के योगदान तथा महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया।
मुख्य अतिथि गंगोत्री विधानसभा के विधायक सुरेश चौहान जी ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर एक तबके से जुड़ने की बात कही उन्होंने कहा कि महिला तभी आत्मनिर्भर बनेगी जब उसे पूर्ण स्वतंत्रता दी जाएगी। उत्तराखंड के विकास में महिलाओं का पहले से अपना महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. सविता गैरोला ने सभी का आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम का संचालन सेमिनार के सहसंयोजक डॉ दिवाकर बौद्ध ने किया। कार्यक्रम की संयोजिका डॉक्टर दीपिका वर्मा ने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महिलाओं की अहम भूमिका पर चर्चा की तथा सभी अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों का कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापिका प्रोफेसर वसन्तिका कश्यप, डॉ डी डी पैन्यूली, डॉ मधु थपलियाल, डॉ नंदी गढ़िया, डॉ आकाश चंद्र, डॉ कमल बिष्ट, डॉ तिवारी, डॉ प्रजापति, डॉक्टर खंडूरी, डॉ विश्वनाथ राणा, डॉ रुचि कुलश्रेष्ठ, डॉ जयलक्ष्मी रावत, डॉ ऋचा बधानी, डॉ संजीव, डॉ आराधना , डॉ अनामिका, डॉ परदेव, डॉ पवेन्द्र, डॉ अंजना, आदि समस्त प्राध्यापक उपस्थित रहे।