उत्तरकाशी। गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, उत्तरकाशी में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने भाषाई विविधता को प्रश्रय देने पर जोर दिया। इसके लिए हर स्तर पर काम करने की जरूरत बताई। ताकि दुनिया में भाषा के माध्यम से व्यापकता बनी रहे।
कॉलेज पुरी खेत परिसर में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आयोजित गोष्ठी का कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. सविता गैरोला ने शुभारंभ किया। उन्होंने मातृभाष के महत्व पर प्रकाश डाला। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि मातृभाषा को लेकर हमेशा गर्व की अनुभूति होनी चाहिए। इसके संरक्षण और संवर्द्धन के लिए प्रयास होने चाहिए।
गोष्ठी में विषय विशेषज्ञों ने बहुभाषावाद को प्रश्रय देने पर जोर दिया। साथ ही दुनिया से विलुप्त हो रही भाषाओं के संरक्षण की वकालत की। डा. डीपी पैन्यूली ने गोष्ठी का संचालन करते हुए भाषा की विविधता से समाज में पैदा होने वाली व्यापकता की जानकारी दी।
इसके अलावा डा. सुरेंद्र सिंह ने कुमायूं की भाषा, डा. वीर राघव खंडूड़ी ने गढ़वाली भाषा, डा. अनामिका क्षेत्री ने नेपाली, डा. राजेश शर्मा ने ब्रजभाषा, डा. शिक्षा और डा. रमेश सिंह ने हिन्दी भाषा की विश्व स्तर पर मौजूदा स्थिति पर विचार रखे।
इस मौके पर प्रो. वसंतिका कश्यप, डा. नंदी गड़िया, डा. विश्वनाथ राणा, डा. पीके सिंह, डा. सुभाष, डा. मनोज, डा.शिवराज, डा. अंजना आदि मौजूद थे।