गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज चंद्रबदनी में आईपीआर पर कार्यशाला
विशेषज्ञों ने आईपीआर के महत्व पर डाला प्रकाश
तीर्थ चेतना न्यूज
देवप्रयाग। गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, चंद्रबदनी (नैखरी) में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स एंड इट्स इंपोर्टेंस विषय पर आयोजित कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों ने आज के दौर में आईपीआर के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
बुधवार को कॉलेज के भौतिक विज्ञान विभाग एवं करियर काउंसलिंग सेल के संयुक्त तत्वावधान में प्रिंसिपल डॉ महंथ मौर्य की अध्यक्षता में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में डा. नीतू पांडे ने बतौर मुख्य वक्ता शिरकत की। डॉ पांडे ने कार्यशाला की शुरुआत कर जानकारी दी कि आई पी आर यानी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स ;बौद्धिक सम्पदा मानव मस्तिष्क के विचारों से उत्पन्न एक उपज हैं।
उन्होंने बताया कि आधुनिक युग में बौद्धिक संपदा सबसे मूल्यवान संपत्ति है क्योंकि यह मानवीय विकास को गति देने वाले तकनीकी नवाचार को पुरस्कृत करती है। यह वैश्विक कला परिदृश्य की उन्नति में सहायक है।
बौद्धिक संपदा काल्पनिक रचनाओं को संदर्भित करती है। इसमें सभी प्रकार के आविष्कार, साहित्यिक एवं वैज्ञानिक, कलात्मक कार्य, डिज़ाइन एवं कई अन्य चीजें शामिल हैं। बताया कि आईपी के मुख्य प्रकारों में आविष्कारों के लिये पेटेंट, ब्रांडिंग के लिये ट्रेडमार्क, कलात्मक और साहित्यिक कार्यों के लिये कॉपीराइट, गुप्त व्यावसायिक सूचनाओं के लिये व्यापारिक गोपनीयता तथा उत्पाद की प्रस्तुति के लिये औद्योगिक डिज़ाइन शामिल हैं।
आईपीआर के क्षेत्र में छात्रों को उनके करियर के विभिन्न आयामों के बारे में भी अवगत कराया गया कार्यक्रम के अंत में एक क्विज़ का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की कन्वीनर डॉ ऋचा गहलौत, ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी सुश्री वंदना रही। आज के कार्यक्रम का।मंच संचालन अरविंद सिंह राणा द्वारा किया गया।