गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज पावकी देवी और पीजी कॉलेज मुनस्यारी में मनाया गया संविधान दिवस

गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज पावकी देवी और पीजी कॉलेज मुनस्यारी में मनाया गया संविधान दिवस
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ऋषिकेश/मुनस्यारी। गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, पावकी देवी और गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, मुनस्यारी में संविधान दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर छात्र/छात्राओं को भारतीय संविधान के निर्माण और आज तक की यात्रा के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

शनिवार को गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, पावकी देवी में आजादी के अमृत महोत्सव के तत्वाधान संविधान दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर छात्र/छात्राओं को संविधान से जुड़ी तमाम जानकारियां दी गई।

संविधान के शिल्पकार डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 125 वी जयंती के उपलक्ष में 26 नवंबर 2015 को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने संविधान दिवस के रूप में अधिसूचित किया। तब से हर वर्ष संविधान दिवस पूरे देश में मनाया जाता है।

इस मौके पर पोस्टर तथा निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्या डा0 छाया चतुर्वेदी के निर्देशन में राजनीति विभाग द्वारा किया गया। राजनीति विज्ञान की विभाग प्रभारी डा0 गुंजन जैन ने संविधान के मूलभूत बिंदुओ से छात्र छात्राओं को अवगत कराया।

उन्होने कहा कि संविधान मानवीय जीवन एवं व्यक्तित्व को बहुआयामी विकास की ओर अग्रसर करता है उन्होंने संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई। प्राचार्या डा0 छाया चतुर्वेदी ने संविधान की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला तथा छात्रों से कर्तव्य निर्वहन का आह्वान गया।
उन्होंने कहा कि कर्तव्य निर्वहन ही अधिकार दिलाता है। अर्थशास्त्र की प्राध्यापक डॉ नीलू कुमारी ने संविधान से जुड़े तमाम ऐतिहासिक पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। पोस्टर प्रतियोगिता मे कु0 अंजना व प्रियंका ने प्रथम कु0 जागपती ने द्वितीय, कु0 अंजू ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कु0 नेहा तथा कु0 अनिशा को सांत्वना पुरस्कार मिला।

निबंध प्रतियोगिता मे कु0 मीना ने प्रथम कु0 सपना ने द्वितिय तथा कु0 कुसुम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर डा0 तनु आर0 बाली, डा0 रेखा सिंह, श्री विकास, श्री सुभाष, श्री निखिल तथ समस्त छात्र छात्राए उपस्थित रहे।

मुनस्यारी। गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, मुनस्यारी में राजनीति विज्ञान के बैनर तले विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

विचार गोष्ठी में डॉ. शैलेश भंडारी ने भारतीय संविधान निर्माण के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को सामने रखते हुए बताया कि अंग्रेजी शासनकाल में बने विभिन्न अधिनियमों ने भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि 1935 के भारत शासन अधिनियम के 200 से ज्यादा प्रावधान ऐसे हैं जिन्हें भारतीय संविधान में अक्षरशः शामिल किया गया है।

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए इतिहास विभाग प्रभारी डॉ. दुर्गेश शुक्ला ने बताया कि भारतीय संविधान भारतवासियों की आकांक्षाओं का प्रतीक है, जिसको बनाने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से भारतीय संविधान की मूल भावना को अपनाने तथा उसके आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का आह्वान किया।

इस अवसर पर समाजशास्त्र विभाग प्रभारी डॉ. राहुल पांडे ने भारतीय संविधान को भारतीय समाज की विविधता में एकता स्थापित करने वाला प्रमुख सूत्र बताया। उनका कहना था कि भारतवर्ष में व्याप्त विभिन्नता के बावजूद भारतीय संविधान इसे हमेशा एकता के सूत्र में बांधे रखता है तथा समाज के कमजोर वर्गों, महिलाओं एवं बच्चों के प्रति विशेष प्रावधान भी भारतीय संविधान में किए गए हैं।

इस अवसर पर डॉ. पुष्पेंद्र कुमार निश्चल ने भारतीय संविधान में वर्णित संसद, जनप्रतिनिधियों के चुनाव की प्रक्रिया, कार्यपालिका, मौलिक अधिकार तथा नीति निदेशक तत्त्व तथा विधायिका सहित संविधान के विविध प्रावधानों की जानकारी दी तथा विद्यार्थियों से भारतीय संविधान के आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया।

इस अवसर पर प्रभारी प्राचार्य डॉ. प्रदीप मंडल ने स्वाधीनता आंदोलन के अनथक संघर्ष तथा स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान को याद करते हुए भारतीय संविधान के निर्माण में डॉ. राजेंद्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, पट्टाभि सीतारमैया, के. एम. मुंशी एवं डॉ. भीमराव अंबेडकर के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया। उनका कहना था कि भारतीय संविधान में वर्णित संप्रभुता, गणतंत्र, समाजवाद तथा धर्मनिरपेक्षता इसके आधारभूत तत्व हैं, जिनकी स्थापना तथा रक्षा के लिए सभी विद्यार्थियों को हमेशा भरसक प्रयास करने चाहिए तथा संविधान के आदर्शों को अपने जीवन में उतारना चाहिए। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से लगनपूर्वक अध्ययन के साथ भारतीय संविधान के आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया।

इस अवसर पर राजनीति विज्ञान विभाग प्रभारी डॉ. रिफाकत अली ने संविधान की प्रस्तावना पर प्रकाश डाला तथा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में वर्णित समानता, एकता और अखंडता, धर्मनिरपेक्षता, गणराज्य, समाजवाद को विस्तारपूर्वक समझाया । उन्होंने सभी विद्यार्थियों से भारतीय संविधान में वर्णित आदर्श को अपने जीवन में उतारने का आह्वान किया। विचार गोष्ठी का संचालन डॉ. रवि जोशी द्वारा किया गया।

इसके अतिरिक्त आज की इस विचार गोष्ठी में सुश्री भागीरथी राणा, हेमंती, चंद्र प्रकाश आर्य, पंकज पुंडीर, गणेश सिंह, धर्मेंद्र सिंह, कैलाश सिंह, हेमा पंचपाल, कमला तथा सरिता सहित अनेक छात्र-छात्राओं ने भी संविधान दिवस के अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए।

Tirth Chetna

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