नए वर्ष के पहले दिन को सरकारी शिक्षक/कर्मियों ने काला दिवस के रूप में मनाया

नए वर्ष के पहले दिन को सरकारी शिक्षक/कर्मियों ने काला दिवस के रूप में मनाया
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पौड़ी। नव वर्ष के पहले दिन को राज्य के सरकारी शिक्षक/कर्मचारियों ने काला दिवस के रूप में मनाया। आज ही के लिए वर्ष 2004 पुरानी पेंशन व्यवस्था को समाप्त किया गया था।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर राज्य के करीब 80 ,000 शिक्षक/ कार्मिकों द्वारा काला दिवस मनाया गया। उल्लेखनीय है कि एक जनवरी 2004 को पहली बार देश में पुरानी पेंशन व्यवस्था को खत्म करके बाजार आधारित नई पेंशन व्यवस्था प्रारंभ की गई थी।

शनिवार को राज्य भर के 80,000 कार्मिकों ने राज्य प्रभारी विक्रम सिंह रावत, प्रांतीय अध्यक्ष अनिल बडोनी और प्रांतीय महासचिव सीताराम पोखरियाल के नेतृत्व में कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपना योगदान दिया। कार्मिकों द्वारा सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर अपनी प्रोफाइल ब्लैक रखी गई, साथ ही कार्मिकों द्वारा काली टोपी, काला मास्क और काली पट्टी पहनकर नई पेंशन योजना का विरोध किया गया।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा देशभर में पुरानी पेंशन बहाली के लिए कर्मचारियों को लामबंद कर रहा है। उत्तराखंड के कर्मचारी भी लगातार सरकार पर पुरानी पेंशन के लिए दबाव बना रहे हैं। इसी क्रम में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय पदाधिकारियों की वेतन विसंगति समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह से भी वार्ता हुई थी, जिसमें यह माना गया कि पुरानी पेंशन राज्य का विषय है , लेकिन अभी तक उस बैठक का प्रतिवेदन सार्वजनिक नहीं किया गया है।

प्रांतीय पदाधिकारियों ने इस बैठक का कार्यवृत्त सार्वजनिक करने की राज्य सरकार से मांग की है । राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय प्रभारी विक्रम सिंह रावत ने प्रेस से कहा कि अगर मौजूदा सरकार पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लेती तो मोर्चा विधानसभा चुनाव में कोई सख्त कदम उठा सकता है।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय अध्यक्ष अनिल बडोनी ने कहा कि सरकार का रवैया पूरी तरह से निराशाजनक है, लगातार हर मोर्चे पर सरकार के प्रतिनिधियों से सकारात्मक वार्ता हुई है, लेकिन परिणाम अभी तक सिफर ही रहा है स सरकार पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाती तो 2022 पेंशन बहाली के लिए परिवर्तनकारी वर्ष भी हो सकता है।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि अगर सरकार जल्द से जल्द पुरानी पेंशन बहाली पर कोई फैसला नहीं लेती तो उसे परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।

आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रांतीय उपाध्यक्ष योगिता पंत , कुमाऊं मंडल प्रभारी योगेश घिल्डियाल , गढ़वाल मंडल अध्यक्ष जयदीप रावत ,गढ़वाल मंडल सचिव नरेश कुमार भट्ट ,प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष डीपी पसबोला ,प्रांतीय प्रेस सचिव कमलेश कुमार मिश्र, रणवीर सिंधवाल ,अंकित रौथाण, पूरन सिंह फरस्वाण ,पुष्पा नेगी, विकास थपलियाल ,त्रिलोक रावत ,शंकर पांडे, महावीर मेहता, कुलदीप राणा, मुरली मनोहर भट्ट, गुरुदेव रावत, राजीव उनियाल, नवीन कुमार सैनी, हिमांशु जगूड़ी, जसपाल सिंह रावत , नीलम बिष्ट, शशि चौधरी ,रजनी रावत, हीरा भट्ट आदि पदाधिकारियों ने अपना प्रमुख योगदान दिया।

Tirth Chetna

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