गवर्नमेंट पीजी कॉलेज के छात्रों ने धरती को प्रदूषण और जंगलों को आग से बचाने का संकल्प

गवर्नमेंट पीजी कॉलेज के छात्रों ने धरती को प्रदूषण और जंगलों को आग से बचाने का संकल्प
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उत्तरकाशी। गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, उत्तरकाशी के छात्र/छात्राओं ने विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर धरती को प्रदूषण एवं जंगल को आग से बचाने की शपथ ली।

कॉलेज के बॉटनी विभाग और एनसीसी के कैडेटस ने पृथ्वी दिवस कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य प्रो सविता गैरोला द्वारा एन सी सी के छात्रों की रैली को ध्वज दिखाने के साथ की गयी। इस वर्ष के विषय ’हमारे ग्रह में निवेश करें’ विषय पर जानकारी दी गई।

डॉ महेंद्र पाल सिंह परमार द्वारा पावर पॉइंट प्रस्तुतिकरण के माद्यम से आज के थींम ,पृथ्वी में घटित मानव जनित पर्यावरणीय हानि की विस्तृत जानकारी दी व उसके पश्चात सभी छात्र वरुणावत पर्वत शैक्षणिक भ्रमण कर पादप प्रजातियों की जानकारी हासिल की व छात्रों द्वारा वनाग्नि के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाया गया।

इस दौरान शिक्षकों व छात्र छात्राओं ने वृक्षारोपण कर लोगों को पर्यावरण बचाने का संदेश दिया। दोपहर में वनस्पति विज्ञान के सभी छात्र छात्रों को डॉ महेंद्र पाल सिंह परमार द्वारा श्याम स्मृति वन का शैक्षिक भ्रमण कराया गया। शैक्षिक भ्रमण के दौरान छात्रों ने पोखरियाल जी द्वारा लगाए गए श्याम वन में विभिन्न औषधीय पादपों के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस मौके पर डॉ आराधना ने बताया हिमालय की जैव विविधता का संरक्षण किया जाना अत्यंत जरूरी है।

जड़ी-बूटियों के दोहन को रोककर इन पर व्यापक शोध की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने छात्रों को हर्बेरियम (सूखी वनस्पतियों का संग्रह) बनाने की सटीक जानकारी दी। प्रताप पोखरियाल जी ने अपने वन में पाई जाने वाली वनस्पतियों की विस्तृत जानकारी दी तथा छात्रों से पर्यावरण संरक्षण की अपील की। साथ ही जंगलों में आग लगाने वालों के खिलाफ कठोर सजा दिलाने की बात की शपथ भी दिलाई।

कार्यक्रम संयोजक विज्ञान शिक्षक डॉ. महेंद्र पाल सिंह परमार ने कहा कि पृथ्वी दिवस मनाने का वास्तविक उद्देश्य पृथ्वी को प्रदूषण से होने वाले खतरे से बचाकर उसका सम्मान करना है, क्योंकि ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा बढ़ रहा है, जो आने वाले समय में मानव जीवन के साथ-साथ अन्य जीव जंतुओं के अस्तित्व पर काफी खतरा उत्पन्न करेगा, लेकिन अधिकाधिक पेड़ लगाकर हम पृथ्वी की इस समस्या का हल निकाल सकते हैं।

छात्रों ने वरुणावत पर्वत पर ऊपर तक जाकर जंगलों में लगने वाली आग के कारणों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की तथा पीरुल की सफाई करके उससे खाद बनाने के गुर सीखे। प्राचार्य प्रो सविता गैरोला ने छात्रों को धरती को बचाने हेतु हर संभव प्रयास करने हेतु प्रोत्साहित किया। इस मौके पर डॉ जया लक्ष्मी रावत, डॉ आराधना, डॉ ऋचा ,डॉ संजीव लाल एवम डॉ विपिन  मौजूद रहे ।

Tirth Chetna

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