भारतीय संस्कृति की मूलाधार गौमाताः गोपाल मणि

भारतीय संस्कृति की मूलाधार गौमाताः गोपाल मणि
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त्रिवेणीघाट पर धेनुमानस गौकथा शुरू

तीर्थ चेतना न्यूज

ऋषिकेश। क्षेत्र के गौभक्तों द्वारा आयोजित धेनुमानस गौकथा त्रिवेणी घाट पर शुरू हो गई। गौकथा वाचक गोपाल मणि महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति की मूलाधार गौमाता की समस्त वेद पुराणों व शास्त्रों में अनंत महिमा गायी गई है।

बुधवार को गौकथा वाचक गोपाल मणि महाराज के नेतृत्व में त्रिवेणी घाट पर शोभयात्रा निकाली गई। इस मौके पर 151 किलो दूध से मां गंगा का अभिषेक किया गया। इस दौरान गौ माता के संरक्षण एवं संवर्द्धन को राजाश्रय देने की मांग की गई।

धेनुमानस गौकथा के पहले गोपाल मणि महाराज ने कहा कि अथर्ववेद में कहा गया है ,गावो विश्वश्य मातरः’ गाय विश्व की माता है। गौवंश भारतकीआर्थिक,सामाजिकधार्मिक एवम सांस्कृतिक धरोहर है। गाय का गोबर ईधन,बायो गैस,जैविक खाद,डीजल पेट्रोल के विकल्प के रूप में उपयुक्त माना जाता है,गोमूत्र का उपयोग फिनायल एवम कीटनाशक दवाई बनाने में किया जाता है।

गाय के दूध से दही, घी, छाछ पनीर मक्खन,मावा मिठाईयां बनाई जाती है। गाय सनातन धर्म में आस्था का प्रतीक है। इस प्रकार मानव जीवन में गाय का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। गाय को राष्ट्रमाता घोषित कीये जाने हेतु प्रयाप्त तथ्य एवम आधार है तथा इस से देश प्रदेश के करोड़ों लोगों की जन भावनाएं जुड़ी है ।

आज कथा के प्रथम दिवस केबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल जी ने कथा में भाग लिया। साथ मे केदारनाथ नाथ धाम से केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, चंदना साधुक, आर के सूरी, मंगल सिंह पंवार,आचार्य सूरतराम डंगवाल,राधेश्याम, शुभाष शर्मा जी आदि कई लोगो ने शिरकत की।

Tirth Chetna

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