अच्छी खबर :- अब घर बैठे वोद दे सकेंगे बुजुर्ग, दिव्यांग और कोविड संक्रमित, पहली बार मिल रही है यह सुविधा, जानिए क्या करना होगा

अच्छी खबर :-  अब घर बैठे वोद दे सकेंगे बुजुर्ग, दिव्यांग और कोविड संक्रमित, पहली बार मिल रही है यह सुविधा, जानिए क्या करना होगा
Spread the love

देहरादून। अभी तक केवल पुलिसकर्मी, चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारी और सेना के अधिकारी व सिपाही ही पोस्टल बैलेट का इस्तेमाल करते आए हैं। पहली बार यह सुविधा बुजुर्गों, दिव्यांगों और कोविड पॉजिटिव के लिए शुरू होने जा रही है। आगामी विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग बुजुर्गों, दिव्यांगों और कोविड पॉजिटिव या कोविड संदिग्ध वोटरों को घर से वोट देने की सुविधा देने जा रहा है। इसकी तैयारी तेज कर दी गई है। पहली बार विधानसभा चुनाव में यह सुविधा दी जाएगी।

दरअसल, अभी तक केवल पुलिसकर्मी, चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारी और सेना के अधिकारी व सिपाही ही पोस्टल बैलेट का इस्तेमाल करते आए हैं। पहली बार यह सुविधा बुजुर्गों, दिव्यांगों और कोविड पॉजिटिव के लिए शुरू होने जा रही है। चुनाव आयोग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग अगर चाहेंगे तो अपने घर से ही पोस्टल बैलेट के माध्यम से मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। इसी प्रकार, दिव्यांग मतदाता अगर चाहेंगे तो पोस्टल बैलेट का इस्तेमाल कर सकेंगे। वहीं, कोविड पॉजिटिव या कोविड लक्षणों वाले मतदाताओं को भी यह सुविधा दी जाएगी।

हालांकि, इन सभी में से अगर चाहेंगे तो वह पोलिंग बूथ पर जाकर भी वोट डाल सकते हैं। केवल कोविड के मरीजों या संदिग्धों को बूथ पर सबसे बाद में एंट्री दी जाएगी। उनके वोट डालने के दौरान कोविड से बचाव की सभी गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। इसके तहत हो सकता है कि ऐसे लोगों को पीपीई किट पहनकर वोट डालना पड़े।

पोस्टल बैलेट के लिए भरना होगा फार्म 12-डी
चुनाव आयोग के मुताबिक, घर बैठे वोट डालने के लिए पात्र मतदाताओं को पहले फॉर्म 12-डी भरना होगा। इस फॉर्म को भरने के बाद निर्वाचन विभाग ऐसे आवेदकों का वेरिफिकेशन कराएगा। वेरिफिकेशन के बाद उन्हें विभाग की ओर से घर पर ही पोस्टल बैलेट उपलब्ध कराया जाएगा। जिसे भरकर वह जमा करा सकेंगे।

जनवरी में लागू हो सकती है आचार संहिता
आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। इस बीच खबर है कि चुनाव आयोग उत्तराखंड के चुनाव के लिए जनवरी के पहले सप्ताह में आचार संहिता लागू कर सकता है। फरवरी में प्रदेश में चुनाव होगा और इसके बाद 15 मार्च से पहले नतीजे आ जाएंगे। क्योंकि उत्तराखंड में सरकार का कार्यकाल 23 मार्च को समाप्त होने जा रहा है।

Amit Amoli

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *