जीजीआईसी किलकिलेश्वर में विज्ञान के प्रचलन पर कार्यशाला

विज्ञान समझने को जिज्ञासा, आत्मविश्वास और लगन जरूरीः प्रो खरात
श्रीनगर। विज्ञान को समझने के लिए जिज्ञासा, आत्मविश्वास और लगन जरूरी है। देश की बेटी कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स, सुधा नारायणन आदि ने ऐसा करके दुनियां जहां में अपनी मेधा का डंका बजाया है।
ये कहना है जेएनयू के प्रो. अरूण एस. खरात का। प्रो. खरात गवर्नमेंट गर्ल्स इंटर कालेज, किलकिलेश्वर में माध्यमिक स्तर के बच्चों में विज्ञान के प्रचलन “ विषय पर आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में पूरी दुनिया में अपना विशेष योगदान देने वाली कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स, सुधा नारायणन आदि सभी आप सब की तरह ही सामान्य लड़कियां थी। जिज्ञासा, आत्मविश्वास व लगन के कारण ही वे विज्ञान के क्षेत्र में अपना विशिष्ट स्थान बना पाई हैं।
प्रो. खरात ने कहा कि अपने आसपास होने वाली घटनाओं के बारे में जिज्ञासा ही बच्चों को एक शोधकर्ता व वैज्ञानिक बनाती है ।उन्होंने कहा कि आज से 60- 70 वर्ष पूर्व हम सभी के पास पर्याप्त कपड़ा व खाना नहीं था ,लेकिन वैज्ञानिकों के पॉलीमर व खाद के आविष्कार से ही आज कपड़े व खाने की प्रचुरता है।
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के मेकेनिकल इंजीनियरिंग के डॉक्टर मनोज गुप्ता ने अपनी वीडियो के माध्यम से विज्ञान के छोटे-छोटे सिद्धांतों यथा घर्षण, स्थितिज ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा में परिवर्तन के अनुप्रयोगों को समझाया। उन्होंने कहा कि सिद्धांतों का व्यवहारिक अनुप्रयोग ही इंजीनियरिंग है ।
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के बायो टेक्नोलॉजी के डॉक्टर सौरव यादव ने कहा कि बायो टेक्नोलॉजी का उपयोग कर वैज्ञानिकों ने मनुष्य के जीवन को आसान बना दिया है। उन्होंने इंस्पायर मानक अवार्ड में बच्चों द्वारा किए गए छोटे छोटे आविष्कारों के माध्यम से समझाया कि अपने आसपास की छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के बारे में सोचना ही आपको वैज्ञानिक बनाता है।
उन्होंने बायोटेक्नोलॉजी के कई आविष्कारों के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। स्कूल की प्रिंसिपल डॉ मीना सेमवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला ।कार्यक्रम में विद्यालय की अध्यापिकायें आरती पंवार, रेखा चौहान, संगीता राणा, सुमन गैरोला रश्मि ,परमेश्वरी , मीना पोखरियाल आदि उपस्थित थीं। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की अध्यापिका मंजू रावत ने किया।