जोशीमठ की आपदा को लेकर धामी सरकार गंभीर नहीं

जोशीमठ की आपदा को लेकर धामी सरकार गंभीर नहीं
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बदरीनाथ जैसा मिले जोशीमठ में मुआवजाः गणेश गोदियाल

तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार जोशीमठ की आपदा और प्रभावितों को लेकर कतई गंभीर नहीं है। सरकार इस मामले में विपक्ष के सुझावों पर भी गौर नहीं कर रही है।

ये कहना है कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का। मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि शुक्रवार देश के दो राज्यों में कैबिनेट की बैठक हुई। हिमाचल में हुई कैबिनेट की बैठक में ऐतिहासिक निर्णय हुआ। हिमाचल में शिक्षक/कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल हुई।

उत्तराखंड की कैबिनेट में बैठक में जोशीमठ के बारे में सरकार ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया। आरोप लगाया कि जोशीमठ की आपदा और प्रभावितों को लेकर धामी सरकार गंभीर नहीं है। गोदियाल ने कहा कि जोशीमठ आपदा प्रभावितों को बदरीनाथ जैसा मुआवजा मिले।

गोदियाल ने आरोप लगाया कि एक बार फिर साबित हो गया गया है कि उत्तराखंड सरकारी नौकरियों को बेचने का काम चल रहा है। सहकारिता, यूकेएसएसएससी के बाद अब लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा का पेपर भी लीक हो गया।

इसमें आयोग का अधिकारी ही शामिल है। उक्त अधिकारी 18 सालों से आयोग में है। ऐसे में सवाल उठता है कि कैसे मान लिया जाए कि उक्त अधिकारी ने पहले ऐसा नहीं किया होगा। पूर्व में हुई तमाम परीक्षाओं को लेकर कानाफूसी पहले भी होती रही है। बावजूद इसके सरकार ने अभी तक इसका संज्ञान नहीं लिया।

कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने अंकिता भंडारी हत्या की जांच मामले पर सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। लोगों के मन ये बात है कि सरकार वीआईपी को बचा रही है।

उन्होंने कहा कि ये राज्य के आम लोगों के साथ संस्थागत छल है। मथुरादत्त जोशी, राजेश चमोली, दर्शन लाल, गरिमा दसौनी आदि मौजूद थे।

Tirth Chetna

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