साहित्यकार स्व. शिवराज सिंह रावत निसंग की प्रथम पुण्य तिथि पर फुलारी का विमोचन

गोपेश्वर। प्रसिद्ध साहित्यकार स्व. शिवराज सिंह रावत ’निसंग’ की प्रथम पुण्य तिथि पर उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया। साथ ही क्षेत्र के साहित्यकारों द्वारा संकलित फुलारी का विमोचन किया गया।
गुरूवार को जिला पंचायत सभासद में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सुप्रसिद्व रंगकर्मी प्रो. डीआर पुरोहित और अन्य साहित्यकारों ने फुलारी का विमोचन किया। फुलारी विभिन्न विधाओं पर अपनी कलम चलाने वाले 43 रचनाकारों की गढ़वाली कविताओं का संकलन है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित कर किया गया तत्पश्चात स्व. शिवराज सिंह रावत ’निसंग’ जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। ज्ञात हो कि यह संकलन चमोली जनपद के सुप्रसिद्ध साहित्यकार ऋषितुल्य व्यक्तित्व स्व. श्री शिवराज सिंह रावत ’निसंग’ जी की प्रथम पुण्य तिथि पर उनकी स्मृतियों को मंचासीन अतिथियों द्वारा भावनात्मक शब्दों से नमन वंदन किया गया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रो. पुरोहित ने पुस्तक में सम्मिलित सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि साहित्यसृजन में भाषा का ज्ञान और शब्दों को पिरोने की कला महत्वपूर्ण है जो कि उन्हें इस पुस्तक में देखने को मिला। इस अवसर पर उन्होंने कुछ प्रचलित औंखाणे सुनाकर सबको खूब हंसाया। सुप्रसिद्ध लेखक डॉ बी पी पुरोहित ने अपने उद्बोधन में निसंग जी के साथ बिताए वक्त को और उनकी अपार साहित्यिक कृतियों को सबके समक्ष रखा।
मंचासीन अतिथि वक्तव्य में मंगला कोठियाल जी ने इस अवसर को सर्वश्रेष्ठ माना और कहा कि साहित्यसृजन की अनोखी पहल यह रही कि स्त्री समाज का वर्चस्व ऊपर उठता दिख रहा है जिसके फलस्वरूप काव्य संग्रह की गरिमा अद्भुत दिख रही।
पुस्तक की समीक्षा अपने सुन्दर शब्दों में प्रस्तुत की वरिष्ठ कवयित्री व शिक्षिका श्रीमती राधा मैंदुली ने । इनके अलावा कर्नल डी एस बर्तवाल , पूर्व प्रमुख नन्दन बिष्ट, अक्षत नाट्य संस्था के संस्थापक विजय वशिष्ठ आदि ने भी अपने उद्बोधन में कार्यक्रम की सराहना करते हुए साहित्य जगत को निरंतर जारी रखने के प्रयासों के लिए संपादक तथा आयोजक शशि देवली को बधाई दी।
इसी बीच ’फुलारी’ में अपनी स्वरचित उत्कृष्ट रचनाओं के लिए रचनाकारों को तथा कवर पृष्ठ के लिए युवा साइक्लिस्ट सोमेश पंवार को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर गोपेश्वर नगर क्षेत्र के नागरिकों सहित दूरस्थ शहरों से आए साहित्यकार तथा स्व. निसंग जी के परिवार जन उपस्थित रहे। उनके परिवार जनों को भी शाल भेंट कर सम्मानित किया गया तथा कार्यक्रम का संचालन डॉ डी एस नेगी ने किया।
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