टायर फैक्ट्री के चार श्रमिक आमरण अनशन पर बैठे

टायर फैक्ट्री के चार श्रमिक आमरण अनशन पर बैठे
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रुड़की। तीन वर्षीय समझौते की शर्तों के विरोध में धरना दे रहे टायर फैक्ट्री कर्मचारियों का धैर्य तेरहवें दिन जवाब दे गया। श्रमिकों की सभी छह यूनियन के पदाधिकारियों की बैठक के बाद सर्वसम्मति से चार श्रमिक आमरण अनशन पर बैठ गए। लक्सर की टायर फैक्ट्री की छह ट्रेड यूनियन से जुड़े डेढ़ हजार श्रमिक तीन वर्षीय समझौते की शर्तों के विरोध में 23 सितंबर की शाम से फैक्ट्री गेट पर धरना दे रहे हैं। पांच दिन तक उन्होंने क्रमिक भूख हड़ताल भी की है।

वे समझौते में दी जा रही वेतन बढ़ोतरी में और वृद्धि करने, समझौते को 1 जनवरी से लागू कर बीच के समय का एरियर देने, आरपीडब्ल्यू (रिजर्व पूल वर्कर) को स्थायी करने, शिक्षा भत्ता व उत्तराखंड दिवस की छुट्टी देने की मांग कर रहे हैं। 12 दिन से फैक्ट्री प्रबंधन या श्रम विभाग ने उनकी सुध नहीं ली है। इससे नाराज सभी छह यूनियन के पदाधिकारियों ने सोमवार सुबह बैठक की। बैठक में आंदोलन को तेज करने के लिए सर्व सम्मति से आमरण अनशन शुरू करने का फैसला लिया गया। इसके बाद पंकज शर्मा, जयविंद्र खटाणा, सुधीर पंवार व पंकज कुमार केहड़ा ने धरनास्थल पर ही आमरण अनशन शुरू कर दिया। श्रमिकों ने फैक्ट्री प्रबंधन से आरपार की लडाई लड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि अब या तो उनकी सारी मांगें मानी जाएंगी, अन्यथा वे मरकर ही वहां से उठेंगे।

धरनास्थल पर अशोक कुमार, रामकुमार, कप्तान सिंह, बलदेव पाल, राजीव कौशिक, गोविंद सिंह, चैनपाल, निशांत कुमार, सुधीर पंवार, अंकित नागर, गुणांक त्यागी, ठाकुर विजय सिंह, जितेंद्र कुमार, विरेंद्र सिंह, सहीपाल, अवनीश शर्मा, विजय शर्मा, राकेश कुमार, प्रवेश कुमार, अंचल कुमार, सोनू कुमार, सुभाष कुमार, अमित झा, रविपाल सिंह, महकार सिंह सहित काफी श्रमिक मौजूद रहे।

Amit Amoli

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