सरकार के दो टूक के सामने शिक्षक अब क्या कन की स्थिति में

मामला एलटी/प्रवक्ता शिक्षकों के प्रमोशन का
तीर्थ चेतना न्यूज
पौड़ी। राज्य के एलटी/प्रवक्ता शिक्षकों के प्रमोशन पर सरकार के दो टूक ऐलान के बाद अब शिक्षक अब क्या कन की स्थिति में हैं। शिक्षक बता रहे हैं कि पहली यन त कभी नी हवे.. अब हवे त..
वरिष्ठता के मामले में कुछ शिक्षकों का न्याय के लिए कोर्ट जाना सभी शिक्षकों को भारी पड़ रहा है। इस वजह से पिछले सात-आठ सालों एलटी/प्रवक्ता शिक्षकों के प्रमोशन लटक गए हैं। शिक्षक सेवाकाल में प्रमोशन के बगैर रिटायर हो रहे हैं।
सरकार का इस मामले में सिंगल लाइन स्टेटमेंट है कि कोर्ट केस वापस लें प्रमोशन हो जाएंगे। सरकार के ये स्टेटमेंट अजीबोगरीब है। इस जिद की जद में वो शिक्षक भी आ रहे हैं जो कोर्ट नहीं गए। आमतौर पर ऐसे मामलों में सरकार/विभाग प्रमोशन के मामलों को कोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन बताकर कार्मिकों लाभान्वित करती है। मगर, शिक्षकों के मामले में सरकार का स्टैंड एकदम से अलग है।
सरकार के इस रवैए से शिक्षक हैरान हैं। सबका साथ और सबके विकास के इस अमृतकाल में सरकार के पहले कोर्ट केस वापस लेने के दो टूक ऐलान से शिक्षक अब क्या कन की स्थिति में हैं। खासकर वो शिक्षक जो कोर्ट भी नहीं गए।
बहरहाल, शिक्षक बता रहे हैं कि पहली यन त कभी नी हवे.. अब हवे त… राजकीय शिक्षक संघ शिक्षकों के प्रमोशन के लिए पूरे जतन कर चुका है। मगर, फिलहाल बात बनती नहीं दिख रही है। यानि राज्य के एलटी/प्रवक्ता शिक्षक/शिक्षिकाओं के अच्छे दिनों की आहट भी फिलहाल दूर-दूर तक सुनाई नहीं दे रही है।