मौखिक आदेशों का अनुपालन नहीं करेंगे श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के प्राध्यापक

प्रयोगात्मक परीक्षाओं का करेंगे सामूहिक बहिष्कार
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (सूटा) की बैठक में शिक्षकों से जुड़े विभिन्न मुददों पर चर्चा की गई। इसमें विभिन्न कार्यों/दायित्वों से संबंधित मौखिक आदेशों पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की गई।
विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर में हुइ सूटा की बैठक में शिक्षकों के विभिन्न मुददों पर खुलकर चर्चा हुई और समस्याओं के निराकरण को सक्षम मंच पर मजबूती से रखने पर जोर दिया गया। बैठक में इस बात पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई कि राजकीय महाविद्यालय से समायोजित होने के तीन वर्ष बाद भी समायोजन के समय शासनादेश में उल्लेखित अनेक विषयों पर विश्वविद्यालय द्वारा अभी तक कुछ भी ठोस कार्यवाही नहीं की गई।
इसके अलावा प्रयोगात्मक परीक्षाओं में पारिश्रमिक का भुगतान न होने पर आगामी सत्र से प्रयोगात्मक परीक्षाओं का सामूहिक बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया। संघ ने इस बात पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की कि अक्सर विश्वविद्यालय द्वारा अधिकांश दायित्व या कार्यों को मौखिक आदेश के रूप में ही दिया जाता है। संघ द्वारा इस बात पर आपत्ति व्यक्ति की गई और भविष्य में लिखित आदेशों पर ही अनुपालन करने का निर्णय लिया गया।
शैक्षिक परिषद और आरडीसी की बैठकों में सभी सदस्यों को स्टिंग चार्ज का प्रावधान देने की मांग संघ द्वारा की गई। विश्वविद्यालय द्वारा गठित विभिन्न समितियों में तीनों संकायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय से मांग की गई है ।
विभिन्न बैठकों में शामिल होने वाले प्राध्यापकों को नियमानुसार यात्रा तथा देयक के भुगतान का स्पष्ट उल्लेख होने की दशा में ही प्राध्यापक इन बैठकों में शामिल होंगे।
बैठक में शिक्षकों से संबंधित समस्याओं को उचित मंच प्रदान करने के लिए डीन ऑफ फैकल्टी अफेयर्स के पद का सृजन करने की मांग विश्वविद्यालय से की गई । इसके साथ ही इस तथ्य पर व्यापक सहमति बनी कि विश्वविद्यालय के किसी भी प्रशासनिक अधिकारी द्वारा या किसी अन्य के द्वारा शिक्षकों की सम्मान और गरिमा को उसके आचार व्यवहार द्वारा यदि ठेस पहुंचाई जाती है तो संघ इसका पुरजोर विरोध करेगा।
विश्वविद्यालय परिसर में कार्यरत ऐसे शिक्षकों को जिन्हें पुरानी पेंशन स्कीम तथा करियर एडवांसमेंट का लाभ दिया जाना है ऐसे प्रकरण पर विश्वविद्यालय द्वारा धीमी प्रगति पर शिक्षक संघ ने नाराजगी व्यक्त की है । ऐसे विभाग जिनमें मात्र एक ही प्राध्यापक कार्यरत हैं ऐसे में उन पर अत्यधिक कार्य के दबाव होने तथा प्राध्यापकों की आस्थाई /स्थायी नियुक्ति न होने पर संघ ने चिंता व्यक्त की है।
इसके साथ ही संघ की बैठक में सर्वसम्मत से यह निर्णय लिया गया कि यदि इन विभिन्न विषयों पर समय रहते विश्वविद्यालय द्वारा ठोस निर्णय न लिया गया तो संघ लोकतांत्रिक तरीके से कड़ा प्रतिरोध करेगा।
कुल सचिव के कार्य प्रणाली और उनके शिक्षकों के प्रति व्यवहार को लेकर भी संघ द्वारा रोष व्यक्त किया गया। इस बैठक में शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर एन के शर्मा ,सचिव ए पी दुबे , उपाध्यक्ष प्रोफेसर कल्पना पंत,डॉक्टर हेमंत सिंह ,कोषाध्यक्ष प्रोफेसर बी एन गुप्ता, संयुक्त सचिव श्री कृष्णा नौटियाल, कार्यकारिणी सदस्य प्रोफेसर वीपी श्रीवास्तव ,प्रोफेसर दीप शर्मा तथा पुष्कर गौड़ सहित संघ के सभी सदस्य उपस्थित रहे।