प्रधानाचार्य सीधी भर्ती पर शिक्षा मंत्री के वक्तत्व पर उठे सवाल
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। प्रधानाचार्य सीधी भर्ती के मामले में शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत द्वारा विधानसभा में दिए गए वक्तव्य पर राजकीय शिक्षक संघ ने सवाल खड़े किए। कहा कि राजकीय शिक्षक संघ की इसमें कोई सहमति नहीं है। दो टूक कहा कि 30 अगस्त तक विभाग प्रधानाचार्य विभागीय सीधी भर्ती के अधियाचन को निरस्त करने का प्रस्ताव शासन को नहीं भेजता है तो संगठन सड़क पर उतरने को बाध्य होगा।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा के मानसून सत्र में राज्य के हाई स्कूल और इंटर कॉलेजों में 80 प्रतिशत से अधिक प्रिंसिपल के पद रिक्त होने का मामला उठाया गया। प्रधानाचार्य सीधी भर्ती पर कांग्रेस के विधायक लखपत भंडारी ने सवाल खड़े किए।
इस पर शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने विधानसभा में वक्तव्य दिया कि शिक्षक संगठनों से पूछकर प्रधानाचार्य विभागीय भर्ती नियमावली 2022 प्रख्यापित की गई। मंत्री के इस वक्तव्य पर राजकीय शिक्षक संघ के हैरानगी व्यक्त की।
संघ के अध्यक्ष राम सिंह चौहान और महामंत्री रमेश पैन्यूली ने इस संबंध में निदेशक को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में विधानसभा में विभागीय मंत्री के वक्तव्य पर हैरानगी व्यक्त की गई। कहा कि यदि विभाग/ सरकार के पास प्रधानाचार्य सीधी भर्ती पर संगठन की सहमति का कोई पत्र है तो उन्हें दिखाएं।
कहा कि राजकीय शिक्षक संघ की मौजूदा कार्यकारिणी सात जुलाई 2023 को अस्तित्व में आई। इस तिथि के बाद शिक्षा मंत्री के साथ संगठन के जो पहली बैठक हुई उसमें प्रधानाचार्य सीधी भर्ती का पुरजोर विरोध हुआ था। विरोध का क्रम हर बैठक में चलता रहा।
विरोध का सरकार ने कोई संज्ञान नहीं लिया। अब मंत्री संगठन की सहमति की बात कर रहे हैं। इससे शिक्षकों में भारी नाराजगी है। कहा कि 30 अगस्त तक विभाग प्रधानाचार्य विभागीय सीधी भर्ती के अधियाचन को निरस्त करने का प्रस्ताव शासन को नहीं भेजता है तो संगठन सड़क पर उतरने को बाध्य होगा।