प्रधानाचार्य सीधी भर्ती मामलाः शिक्षकों की मांग और सरकार की मंशा के बीच बड़ा फासला

प्रधानाचार्य सीधी भर्ती मामलाः शिक्षकों की मांग और सरकार की मंशा के बीच बड़ा फासला
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तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। प्रधानाचार्य सीधी भर्ती मामले में शिक्षकों की मांग और सरकार की मंशा के बीच बड़ा फासला दिख रहा है। शिक्षकांे के तमाम विरोधों के बावजूद सरकार कुछ संशोधनों के साथ सीधी भर्ती मामले में आगे बढ़ने की इच्छा रखती है।

प्रधानाचार्य सीधी भर्ती मामले में राजकीय शिक्षकों का आंदोलन जारी है। चौथे चरण के आंदोलन के तहत शिक्षक निदेशालय पर धरना दे रहे हैं। शिक्षक छह सितंबर की बैठक में मंत्री और आलाधिकारियों के सम्मुख दो टूक कह चुके हैं कि प्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं है।

राजकीय शिक्षक संघ प्रधानाचार्य पद को पूर्व की भांति वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन पक्रिया से भरना चाहता है। दूसरी ओर सरकार की मंशा अभी तक सीधी भर्ती कराने की है। सरकार सीधी भर्ती मामले में कुछ संशोधन करना चाहती है। इसमें एलटी 15 साल की सेवा, 5400 ग्रेड पे और 55 साल की आयु के शिक्षकों को भी अर्ह मानना शामिल है।

इस तरह से कहा जा सकता है कि प्रधानाचार्य सीधी भर्ती मामले में राजकीय शिक्षकों की मांग और सरकार की मंशा के बीच बड़ा फासला है। शिक्षक भर्ती का हर स्तर पर विरोध का ऐलान कर चुक हैं। 14 सितंबर से क्रमिक अनशन और आंदोलन की गति को और तेज करने की बात भी राजकीय शिक्षक संघ के स्तर से की जा रही है।

कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में प्रधानाचार्य सीधी भर्ती का मामले के और गरमाना तय है।

Tirth Chetna

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