शिक्षा महिला सशक्तिकरण की कुंजीः डॉ नताशा

गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज नरेंद्रनगर में राष्ट्रीय महिला दिवस पर गोष्ठी
तीर्थ चेतना न्यूज
नरेंद्रनगर। वास्तविक महिला सशक्तिकरण के लिए जरूरी है कि महिलाओं की शिक्षा पर फोकस किया जाए। वास्तव में शिक्षा महिला सशक्तिकरण की कुंजी है।
ये कहना डा. नताशा का। डा. नताशा गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, नरेंद्रनगर में राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित गोष्ठी में बोल रही थी। गोष्ठी का आयोजन कॉलेज के आंतरिक शिकायत प्रकोष्ठ और एनएसएस इकाई ने किया था।
गोष्ठी में वक्ताओं ने भारत में महिलाओं की मौजूदा स्थिति और इसमें सुधार के लिए जरूरी कदमों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस मौके पर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ यू सी मैठाणी ने कहा कि पुरुष और महिला जीवन के दो पहिए हैं,जिसमें बिना एक दूजे के गति सम्भव नहीं है।
एनएसएस के नोडल अधिकारी डॉ मनोज फोंन्दडी़ ने कहा कि महिला सेवा, कर्तव्य और भावनाओं की भी जननी है, इसलिए सृष्टि संचालन में महिला का महत्व स्वयं स्पष्ट है। कॉलेज के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ संजय महर ने महिलाओं के लिए शैक्षिक एवं राजनीतिक स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ राजपाल सिंह रावत ने महिलाओं को वित्तीय अधिकार दिए जाने की वकालत की है।
डॉ सोनी तिलारा ने लैंगिक आधार पर भेदभाव के उन्मूलन की वकालत करते हुए उत्तराखंड में महिलाओं में बढ़ती रक्ताल्पता पर चिंता प्रकट की है। उन्होंने तू जहां-जहां चलेगा….. मधुर गाना गाकर सभी को मंत्र मुक्त कर दिया।
डॉ आराधना सक्सेना ने जीवन को संवारने के लिए एक महिला की तुलना हजारों दीपकों से करते हुए संदर्भित कविता उपस्थितजनों को सुनाई। डॉ सुधारानी ने अपने परिवार में महिला सम्मान और सहभागिता की प्रशंसा की है।
डॉ विजय प्रकाश भट्ट ने महिला और पुरुष की व्याख्या राजो और तमोगुण के आधार पर करते हुए सामाजिक सृजना का आधार बताया। वरिष्ठ प्रधान सहायक शूरवीर दास ने महिलाओं की मनोबल को बढाए जाने पर जोर दिया।
डॉ विक्रम सिंह बर्त्वाल ने पुरुष और महिला की तुलना बीज और प्रकृति से करते हुए दोनों का सह- अस्तित्व बताया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा उत्तराखंड कर्मचारी यूनियन की उपाध्यक्ष लक्ष्मी कठैत ने कहा की नारी संघर्षों से सब कुछ हासिल करने की अद्भुत शक्ति रखती है।
कार्यक्रम में कॉलेज प्राध्यापक रंजना जोशी, रमा बिष्ट, भागेश्वरी आदि महिला कार्मिकों के अलावा प्राध्यापक कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।